अजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट
लखनऊ 5 अक्टूबर| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम को सांस्कृतिक एकता और सनातन आस्था का प्रतीक बताते हुए कहा है कि उनके व्यक्तित्व व कार्यों से सभी को प्रेरणा मिलती है। आम जनमानस प्रभु श्रीराम के साथ अपने को जोड़ता है। उन्होंने कहा कि श्रीराम के प्रति लोगों की आस्था रामलीला को सतत जीवन्तता प्रदान करती है। उन्होंने रामायण पर शोध किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।
मुख्यमंत्री आज यहां रामलीला मैदान, ऐशबाग में आयोजित ‘रामोत्सव-2019’ को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने रामलीला आयोजन समिति को शुभकामनाएं और धन्यवाद देते हुए कहा कि यह समिति रामलीला के भव्य आयोजन की समृद्ध परम्परा को निभा रही है। साथ ही, इसके संरक्षण व संवर्धन के लिए नई योजनाओं पर भी कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि रामलीला हमारे अतीत की समृद्ध परम्परा से जुड़ती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जिसने सदैव मानवता के कल्याण के लिए आदर्श प्रस्तुत किए। प्रभु श्रीराम से हमें उच्च आदर्शों और मूल्यों की प्रेरणा मिलती है। भारत की परम्परा मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के बिना अधूरी है। उन्होंने कहा कि गुरु-शिष्य, भाई-भाई, माता-पुत्र, पिता-पुत्र और पति-पत्नी सभी रिश्तो में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का चरित्र प्रेरणा देता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रामराज्य की अवधारणा, सर्वांगीण विकास, सर्वसमावेशी, सर्वस्पर्शी समाज की रही है। यह लोक कल्याण की भावना से प्रेरित है। रामराज्य एक आदर्श राज्य के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि थाईलैण्ड, कोरिया, इण्डोनेशिया सहित विश्व के अनेक देशों में श्रीराम, अयोध्या और रामराज्य के प्रति आस्था व श्रद्धा का भाव है। अनेक देशों में रामलीला का मंचन किया जाता है। उन्होंने शारदीय नवरात्रि और विजयादशमी पर्व पर सभी लोगों को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कामना की कि वे यह पर्व हर्षोल्लास और उमंग के साथ मनाएंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने भगवान श्रीराम, सीता और लक्ष्मण जी का तिलक व आरती की। मुख्यमंत्री जी को अंगवस्त्र, श्रीरामचरितमानस की प्रति, स्मृति चिन्ह्, अवध की पगड़ी आदि भेंट किए गए। ‘रामोत्सव-2019’ में मुख्यमंत्री ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनन्द लिया।
इस मौके पर उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा, नगर विकास मंत्री आशुतोष टण्डन सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, रामलीला समिति ऐशबाग लखनऊ के पदाधिकारीगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में जनसमुदाय उपस्थित था।