स्वास्थ्य डेस्क। जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से आज का पञ्चाङ्ग आँख आना [ Conjunctivitis ]

स्वास्थ्य डेस्क। जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से आज का पञ्चाङ्ग आँख आना [ Conjunctivitis ]

आँख आना [ Conjunctivitis ]

Conjunctivitis एक आम वायरल इन्फ़ेक्शन है जो कभी-कभी बैक्टीरिया से भी होता है , इसे आम भाषा में आँख आना कहते हैं।

आँख का लाल होना , दर्द होना और आँख से पानी आना इसके मुख्य लक्षण हैं। आँख आने पर आँखों में कुछ अटका हुआ सा प्रतीत होता है। इस रोग में आँख खोलने से भी दर्द होता है और रोग के बढ़ने पर गाढ़ा गाढ़ा पदार्थ भी निकलता है इसलिए रात में पलकें चिपक जाती हैं, जोकि पीड़ादायक है।
यह एक संक्रामक रोग है , यह रोगी के तौलिये या रुमाल के इस्तेमाल से भी फैलता है। आज हम आपको इसके कुछ घरेलू उपचारों से अवगत कराते हैं :–

1- मुलहठी को दो घंटे तक पानी में भिगोकर रखें। उसके बाद उस पानी में रुई डुबोकर पलकों पर रखें , ऐसा करने से आँखों की जलन व दर्द में आराम मिलता है।

2 -आधे गिलास पानी में दो चम्मच त्रिफ़ला चूर्ण दो घंटे भिगोकर रखें अब इसे छान लें ,इस पानी से दिन में 3 -4 बार छींटें मारकर आँखें धोने से लाभ होता है।

3 -नीम के पानी से आँख धोने के बाद आँखों में गुलाबजल डालें लाभ होगा।

4 -हरी दूब (घास ) का रास निकालें अब इस रास में रुई भिगोकर पलकों पर रखें ,आँखों में ठंडक मिलेगी।

5 -हरड़ को रात भर पानी में भिगोकर रखें सुबह उस पानी को छानकर उससे आँख धोएं , आँखों की लाली और जलन दूर होगी।

6 -दूध पर जमी मलाई उत्तर लें, अब इसे दोनों पलकों पर रख कर ऊपर से रुई रखकर पट्टी बांध दें यह प्रयोग रात को सोते समय करें ,लाभ होगा।

7 प्रातःकाल उठते ही अपना बासी थूक भी संक्रमित आँखों पर लगा सकते हैं।

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