मातृ दिवस पर हिंदीश्री काव्य वाटिका पुस्तक का हुआ लोकार्पण

प्रख्यात साहित्यकार भोलानाथ कुशवाहा ने कहा साहित्य का उद्देश्य ही लोकहित है।

हिंदी श्री काव्य वाटिका की रचनाओं में आज का समय बोलता है- डॉ. मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव


मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी विशेष संवाददाता द्वारा


सोनभद्र । हिंदी श्री काव्य वाटिका पुस्तक का लोकार्पण मिर्ज़ापुर के वरिष्ठ साहित्यकार भोलानाथ कुशवाहा की अध्यक्षता में ऑनलाइन सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि गाजियाबाद के साहित्यकार डॉ. मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव रहे। ऑनलाइन विमोचन समारोह में हिंदी श्री काव्य वाटिका के 27 रचनाकार, संपादक- आशा दिनकर (दिल्ली), उपसंपादक- वेद प्रकाश प्रजापति (प्रयागराज) सम्मिलित हुए। कार्यक्रम का संचालन मिर्ज़ापुर की साहित्यकार सृष्टि राज ने किया। अपने वक्तव्य में भोलानाथ कुशवाहा ने कहा

कि साहित्य का उद्देश्य ही लोकहित है और यह लंबी साधना से आता है। मुख्य अतिथि डॉ. मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव ने सभी रचनाकारों को बधाई देते हुए कहा कि ‘हिंदी श्री काव्य वाटिका’ एक उत्कृष्ट काव्य संकलन है। जिसमें आज का समय बोलता है। पुस्तक में शामिल सभी रचनाकारों ने अपनी कविताओं का पाठ किया। संपादक आशा दिनकर ने सभी रचनाकारों का आभार प्रकट किया। हिंदी श्री काव्य वाटिका में देश के विभिन्न क्षेत्रों से चुने हुए 27 रचनाकारों की

कविताओं का संकलन है। इस पुस्तक में कविता झा, श्री जालिम प्रसाद, वेद प्रकाश प्रजापति (मुम्बई), आयुष्मती आयुष, डॉ जय प्रकाश प्रजापति, आकाश शर्मा आगरा, कु. सृष्टि राज, केदार नाथ सविता, डॉ. अमरेंद्र पौत्स्यायन, श्रीमती अनिता चौधरी, रितु खेतान, जय कुमार भारद्वाज, कर्मेश सिन्हा, प्रेम टण्डन, आरडी गौतम विनम्र, शैफालिका सिन्हा, प्रीति शर्मा, रामस्वरूप, गीता विश्वकर्मा, पुरुषोत्तम प्रजापति, प्रमिला कौशिक, सोनल जी, गुजरात, सेवा सदन प्रसाद नवी मुम्बई, शिब्बू गाजीपुरी, अशोक कुमार ‘मयंक’, वेद प्रकाश वेद (प्रयाग), आशा दिनकर ‘आस’ की कविताएं शामिल हैं।

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