पर्व मर्यादाओं के बंधन में बंधकर स्वयं को विकारों और नकारात्मक विचारों से मुक्त होने का देता है संदेश -बीके सुमन दीदी

गुरमा जिला कारागार में ब्रह्मकुमारी बहनों ने 196 बंदियो को बांधा रक्षासूत्र


मानसिक विकार को छोड़ने का संकल्प उपहार में लिया


लगातार पांचवें दिन बांधा गया रक्षासूत्र

मोहन गुप्ता

गुरमा-सोनभद्र।मानवता की सेवा के लिए समर्पित आध्यात्मिक संस्था प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के रॉबर्ट्सगंज सेवा केंद्र द्वारा रक्षाबंधन के अवसर पर सेवा संकल्प के पांचवें दिन गुरमा स्थित जिला कारागार में 196 लोगों को रक्षासूत्र बांधा गया।

जिसमें 150 पुरुष और 42 महिला व 4 बच्चे कैदियों को रक्षासूत्र बांधा गया। बदले में मानसिक विकार छोड़ने का संकल्प उपहार में लिया। ब्रह्माकुमारीज सेवाकेंद्र की मुख्य सेवा केंद्र प्रभारी बी•के• सुमन दीदी ने रक्षाबंधन के आध्यात्मिक रहस्य पर प्रकाश डालते हुए कहा की रक्षाबंधन का पर्व हमें मर्यादाओं के बंधन में बंधकर स्वयं को विकारों और नकारात्मक विचारों से मुक्त होने का संदेश देता है।उन्होंने कहा कि जीवन ईश्वर का अनमोल उपहार है। हमारा यह जीवन ही कर्म करने का साधन है।अच्छे कर्म करके आप अपने जीवन को श्रेष्ठ बना सकते हैं।हम सभी अपने जीवन में किए हुए कर्मों के अनुसार ही उपलब्धियों को प्राप्त करते हैं।उन्होंने सभी बंदीजनों को राखी बांधने के बदले उनसे सबसे अधिक तंग करने वाले मानसिक विकार को छोड़ने का संकल्प पत्र दान में लिया। इस अवसर पर जेल अधीक्षक अरुण कुमार मिश्र ने कहा कि रक्षाबंधन के अवसर पर ब्रह्माकुमारीज संस्था की बंदियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने की बहुत अच्छी पहल है। उन्होंने बन्दीजनों को मोटिवेट करते हुए कहा कि यदि मनुष्य संकल्प ले तो जीवन में मनोवांछित परिवर्तन बहुत सहज हो जाता है। इस अवसर पर जेलर अरविंद कुमार सिन्हा,डिप्टी जेलर अखिलेश कुमार पाण्डेय,डिप्टी जेलर गंगा प्रसाद,डिप्टी जेलर गौरव कुमार, डिप्टी जेलर गरिमा,चीफ हेड वार्डन वीरेंद्र कुमार तिवारी, चीफ हेड सहायक वार्डन काशी प्रसाद और समस्त स्टाफ ने रक्षाबंधन को सफल बनाने में सक्रिय सहयोग दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में बी•के•प्रतिभा, बी•के•सीता, बी•के•सरोज, बी•के•कविता, बी•के•दीपशिखा, बी•के•डॉ •हरिन्द्र, डॉ अनुपमा सिंह, जूही, पवन भाई, रेखा, ममता ने सक्रिय योगदान दिया।

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