पर्यावरण संरक्षण करना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है-अखिलेश
संजय द्विवेदी
लखनऊ। राष्ट्रीय अध्यक्ष समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव ने प्रेस कांफ्रेंस कर पर्यावरण संरक्षण जैसे गंभीर मुद्ये को उठाया। उन्होंने इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने के नाम पर लगातार वनों की सीमा को कम किए जाने पर योगी सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण पर सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है। ऐसे में जब लगातार सरकार इस सीमा को कम करेगी तो इस प्रकार की घटनाएं भी बढ़ेंगी। इसे कोई भी रोक नहीं सकेगा अगर नीतियों में परिवर्तन नहीं लाया गया।अखिलेश ने कहा है कि वन और जंगल संरक्षण नहीं होगा, तो यहां रहने वाले जानवर कहां जाएंगे, जाहिर सी बात है वह सीधे रिहायसी इलाकों में आएंगे जोकि इन इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए खतरे की घंटी बनेगा और ऐसे गंभीर हादसों को अंजाम देगा।अखिलेश के मुताबिक पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार बजट आता है। लेकिन यह बजट कहां जा रहा है न तो इसका जवाब सरकार के पास है, और न ही उनके लोगों के पास। सवाल करने पर टालमटोल करने लगते हैं जैसे कोई पोल खोल दी गई हो।अखिलेश यादव ने कहा बनों की कटान, अतिक्रमण,खनन तथा प्राकृतिक दोहन के कारण आज वन्य जीव आज सड़को पर घूम रहे जिससे अब तक प्रदेश के कई लोग घायल हो चुके है।
जेपीएनआईसी को एलडीए को सौंपना, उस आदर्श और संघर्ष को मटियामेट करना है
अखिलेश ने वर्तमान भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “जेपीएनआईसी को एलडीए को सौंपना, उस आदर्श और संघर्ष को मटियामेट करना है, जो जयप्रकाश नारायण के विचारों में बसता था। भाजपा बताए – जिसने जेपी को इतिहास से मिटाने की कोशिश की, वो अब बिहार जाकर उन्हीं के नाम पर वोट कैसे मांगेंगे?”उन्होंने एलडीए की कार्यशैली पर भी तंज कसते हुए कहा, “एलडीए का काम देखिए – ये लोग ऐसा बाजार बनाते हैं जो कबूतरखाना लगता है। अब सोचिए, वही लोग जेपी के विचारों को संभालेंगे?”
लखनऊ से संजय द्विवेदी कि रिपोर्ट