ऐतिहासिक होगा तीन दिवसीय चुनार महोत्सव

7 से 9 जुलाई तक चुनार किले के समीप गंगा के तीरे बालू घाट पर आयोजित होगा कार्यक्रम

चुनार का ऐतिहासिक महत्व दर्शायेगा लेजर साउंड शो

मंगलवार को चुनार पहुंचकर जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने लिया तैयारी का जायजा, दिये आवश्यक निर्देश

चुनार-मीरजापुर(सर्वेश श्रीवास्तव)। जनपद की ऐतिहासिक चुनार नगरी में पहली बार 7 से 9 जुलाई तक होने जा रहा चुनार महोत्सव सांस्कृतिक कार्यक्रम अपने आप में एतिहासिक और यादगार होगा। अपने आप में विविध विशेषताओं को समेटे तीन दिवसीय यह आयोजन चुनार किले के समीप गंगा के तीरे बालू घाट पर 7 से 9 जुलाई तक शाम 7 से 10 बजे तक होगा जिसमें चुनार के स्थानीय कलाकारों के अलावा वाराणसी, मीरजापुर, विन्ध्याचल, जौनपुर, मथुरा सहित जयपुर, राजस्थान, नोएडा के जाने माने कलाकार विविध रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। गौरतलब हो कि चुनार महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन पहली बार उत्तर प्रदेश विन्ध्य धाम तीर्थ विकास परिषद द्वारा किया जा रहा है। कार्यक्रम की तैयारी के मद्देनजर जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने अपने प्रशासनिक अमले के साथ मंगलवार को चुनार पहुंचकर कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण एवं तैयारियों का जायजा लिया। समय से पूर्व पूर्ण तैयारी हेतु जिम्मेदारों को आवश्यक निर्देश दिए। यहाँ नगर पालिका के प्रतिनिधियों, व्यापारियों, स्थानीय हस्तशिल्प उत्पादकों व अन्य के साथ बैठक की। पत्रकारों से रुबरु होकर आपने कार्यक्रम के महत्व एवं विविधता पर विस्तार से चर्चा की।

विशेष आकर्षण

चुनार की ऐतिहासिक महत्ता पर आधारित लेजर साउंड शो के माध्यम से जनमानस इसके महत्वपूर्ण पहलुओ से परिचित हो सकेगा। श्रावण मेला के अन्तर्गत पी ए सी ग्राउण्ड चुनार में झूला, स्थानीय हस्तशिल्प उत्पादों के स्टाल और स्वादिष्ट फूड स्टाल लगाये जायेंगे।

किले के अंदर और बाहर साज सज्जा और लाइटिंग के विशेष इंतजाम किये जायेंगे जो लोगों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करेंगे।

प्रतिदिन शाम 7 से 10 बजे रात्रि तक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों में स्थानीय एवं वाह्य जनपदों एवं प्रातों से आये जाने माने कलाकार अनेकों मनोहारी कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे।

इन कार्यक्रमों की कड़ी में पहले दिन 7 जुलाई को गणेश वंदना, शिव तांडव नृत्य, सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोकगीत, चौहर नृत्य, राजस्थानी नृत्य होगा वहीं दूसरे दिन 8 जुलाई को गंगा अवतरण, बिरहा, आल्हा, मयूर नृत्य, सांस्कृतिक झांकियां तथा लेजर साउंड शो की प्रस्तुति होगी। कार्यक्रम के अंतिम दिवस 9 जुलाई को गंगा आरती एवं भब्य आतिशबाजी, बिरहा, कजरी, भव्य फूलों की होली, चरकुला नृत्य एवं लेजर साउंड शो होगा। कार्यक्रम में स्थानीय जनता के साथ ही भारी संख्या में आस-पास जनपदों के लोग भी शामिल होंगे। इस निमित्त सुरक्षा ब्यवस्था के भी पुख्ता इंतजाम किये जा रहे हैं।

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