हत्या के दोषी पुष्पेंद्र उर्फ बंटी दुबे को उम्रकैद

  • 10 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर 6- माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
  • नौ वर्ष पूर्व रामनारायण यादव की गोली मारकर हत्या करने का है आरोप
  • पांच अन्य आरोपी साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त

सोनभद्र। नौ वर्ष पूर्व रामनारायण यादव की गोली मारकर हत्या करने के मामले में शुक्रवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दोषी पुष्पेंद्र उर्फ बंटी दुबे को उम्रकैद व 10 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं पांच अन्य आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक ओबरा थाना क्षेत्र के बिल्ली मारकुंडी निवासी अनामिका यादव पुत्री रामनारायण यादव ने ओबरा थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि 21 फरवरी 2014 को घर पर उसके अलावा उसके पिता, मां और दो नौकर मौजूद थे। सुबह करीब आठ बजे दो लोग घर पर आए और घंटी बजाने लगे। जब नौकर ने दरवाजा खोला तो दोनों गिट्टी लेने की बात करते हुए घर में घुस गए और एक युवक ने उसके पिताजी को गोली मार दिया और दोनों घर से बाहर निकले और बाइक से भाग गए। उधर पिताजी तड़पने लगे तो चाचा के लड़के को फोन करके बुलाई और पिताजी को ओबरा परियोजना अस्पताल ले जाया गया जहां पहुंचते ही डाक्टरों ने उसके पिता रामनारायण यादव को मृत घोषित कर दिया। इस तहरीर पर 21 फरवरी 2014 को शाम आठ बजे ओबरा पुलिस ने पुष्पेंद्र उर्फ बंटी दुबे पुत्र सुनील दुबे निवासी पट्टी दयाल मुरादपुर, थाना बदलापुर जिला जौनपुर समेत छह लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी पुष्पेंद्र उर्फ बंटी दुबे को उम्रकैद व 10 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं पांच अन्य आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने बहस की।

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इनसेट

आर्म्स एक्ट में भी पुष्पेंद्र को पांच वर्ष की कैद

  • 10 लाख रूपये में मिली थी रामनारायण यादव के हत्या की सुपारी

सोनभद्र। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने शुक्रवार को आर्म्स एक्ट के मामले में सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी पुष्पेंद्र उर्फ बंटी दुबे को पांच वर्ष की कैद व 10 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक 19 मई 2014 को ओबरा एसओ अनिल कुमार यादव ने दी तहरीर में अवगत कराया था कि वे पुलिस बल के साथ वांछित अभियुक्तों की तलाश में थे कि तभी मुखबिर के जरिए सूचना मिली कि रामनारायण यादव हत्याकांड में शामिल अभियुक्त टाटा सफारी गाड़ी से घूम रहे है अगर घेराबंदी की जाए तो पकड़े जा सकते है। इस सूचना पर घोरावल एसओ भारत भूषण तिवारी को पुलिस बल के साथ खैरटीया बंधे के पास बुलाया। जब दोनों लोग बातचीत कर रहे थे और वाहनों की चेकिंग कर रहे थे तभी एक सफारी गाड़ी आई जिसे घेरकर रोक लिया गया। चालक अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल हो गया। पुष्पेंद्र उर्फ बंटी दुबे समेत चार लोगों को पुलिस ने पकड़ लिया। पुष्पेंद्र के कब्जे से रामनारायण यादव हत्याकांड में प्रयुक्त असलहा भी बरामद कर लिया। रामनारायण यादव की हत्या करने के लिए 10 लाख रूपये की सुपारी दी गई थी। शेष बकाए रूपये को लेने के लिए आए थे कि पुलिस ने पकड़ लिया। इसी मामले में पुष्पेंद्र उर्फ बंटी दुबे को आर्म्स एक्ट में दोषसिद्ध पाते हुए अदालत ने पांच वर्ष की कैद व 10 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने बहस की।

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