दुष्कर्म के दोषी विनोद अगरिया को 10 वर्ष की कैद

  • 40 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद
  • पांच वर्ष पूर्व 16 वर्षीय नाबालिग लड़की का अपहरण कर दुष्कर्म करने का मामला
  • अर्थदंड की समूची धनराशि 40 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी

सोनभद्र। पांच वर्ष पूर्व 16 वर्षीय नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसके साथ हुए दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सोनभद्र निहारिका चौहान की अदालत ने वृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी विनोद अगरिया को 10 वर्ष की कैद एवं 40 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। वहीं अर्थदंड की समूची धनराशि 40 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता के पिता ने 27 नवम्बर 2017 को दुद्धी कोतवाली में दी तहरीर में आरोप लगाया था कि 26 नवम्बर 2017 को शाम 7 बजे उसकी 16 वर्षीय नाबालिग बेटी कहीं गायब हो गई। इसमें उसकी सहेली का हाथ रहा है। क्योंकि वह अक्सर अपनी मोबाइल से बातचीत कराती रहती थी। इस तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने अपहरण, दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में विनोद अगरिया पुत्र रामलखन अगरिया निवासी गोहणा, थाना दुद्धी के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी विनोद अगरिया को 10 वर्ष की कैद एवं 40 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। वही अर्थदंड की समूची धनराशि 40 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि,सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह एडवोकेट ने बहस की।

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