- 50 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद
- साढ़े आठ वर्ष पूर्व दलित नाबालिग लड़की का हाथ,पैर बांधकर किए गए दुष्कर्म का मामला
- अर्थदंड की समूची धनराशि 50 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी
सोनभद्र। साढ़े आठ वर्ष पूर्व दलित नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सोनभद्र निहारिका चौहान की अदालत ने सोमवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी अजीत कुमार यादव को 10 वर्ष की कैद एवं 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। वहीं अर्थदंड की समूची धनराशि 50 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक बभनी थाना क्षेत्र के एक गांव की निवासिनी पीड़िता दलित नाबालिग लड़की ने 25 सितंबर 2014 को दुद्धी कोतवाली में दी तहरीर में आरोप लगाया था कि एक मार्च 2014 को 7 बजे जब वह अपने कमरे में थी तभी बभनी थाना क्षेत्र के भंवर गांव निवासी अजीत कुमार यादव पुत्र शिवसम्पत यादव आ गया और उसे चार पहिया वाहन से अनपरा अपने रूम में ले गया। जहां पर हाथ-पैर बांधकर जबरन दुष्कर्म किया। जाति सूचक शब्दों से गाली देकर शिकायत करने पर जान मारने की धमकी दिया।उसके बाद बेहोशी हाल में उसे तालाब के किनारे फेंक दिया। जब होश आया तो रोने की आवाज सुनकर एक वृद्ध व्यक्ति ने उसका हाथ, पैर खोला। उसके बाद उसे वह अपने साथ दुद्धी कोतवाली ले गया। किंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई। बाद में कोतवाली पुलिस ने दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट एवं एससी/एसटी एक्ट में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी अजीत कुमार यादव को 10 वर्ष की कैद एवं 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। वही अर्थदंड की समूची धनराशि 50 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि,सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह एडवोकेट ने बहस की।
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