दहेज हत्या: दोषी पति को उम्रकैद
- 30 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर दो वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
- सीता उर्फ चंदा हत्याकांड का मामला
सोनभद्र। साढ़े पांच वर्ष पूर्व हुई सीता उर्फ चंदा हत्याकांड के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्रा की अदालत ने सोमवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी पति सोनू पांडेय को उम्रकैद व 30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं अर्थदंड न देने पर दो वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक ओबरा थाने में 2 दिसंबर 2016 को दी तहरीर में बिल्ली मारकुंडी भलुआ टोला निवासिनी फूलवन्ती देवी पत्नी धनीलाल ने अवगत कराया था कि उसकी बेटी सीता उर्फ चंदा की शादी चार वर्ष पूर्व ओबरा थाना क्षेत्र के बिल्ली मारकुंडी भलुआ टोला निवासी सोनू पांडेय पुत्र गोपाल पांडेय के साथ हुआ था। जब बेटी विदा होकर अपनी ससुराल गई तो वहां पर दहेज में रुपये की मांग को लेकर उसका पति उसे प्रताड़ित करने लगा। जब भी बेटी मायके आती थी तो सारी बात बताती थी, लेकिन उसे गरीबी का हवाला देकर समझा दिया जाता था कि सबकुछ बाद में ठीक हो जाएगा। इस दौरान दो बेटियां भी पैदा हो गई। दहेज की मांग पूरी नहीं हुई तो पति सोनू पांडेय ने 1/2 दिसंबर 2016 की रात में बेटी की हत्या करके उसे फांसी पर लटका दिया। इस तहरीर पर ओबरा पुलिस ने दहेज हत्या में एफआईआर दर्ज कर लिया और पुलिस विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत पाए जाने पर विवेचक ने न्यायालय में पति सोनू पांडेय के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी पति सोनू पांडेय को उम्रकैद व 30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं अर्थदंड न देने पर दो वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियोजन अधिकारी विजय यादव ने बहस की।