- एक लाख रुपये अर्थदंड, न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद
- 15 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ सवा दो वर्ष पूर्व किया था दुष्कर्म
- अर्थदंड की समूची धनराशि एक लाख रुपये पीड़िता को मिलेगी
सोनभद्र। सवा दो वर्ष पूर्व शौच के लिए गई 15 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो सोनभद्र पंकज श्रीवास्तव की अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी शिवपूजन रौनियार को उम्रकैद एवं एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। वहीं अर्थदंड की समूची धनराशि एक लाख रुपये पीड़िता को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक म्योरपुर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने 30 नवंबर 2019 को दी तहरीर में आरोप लगाया था कि सुबह 5 बजे उसकी 15 वर्षीय नाबालिग बेटी शौच के लिए जा रही थी। तभी म्योरपुर थाना क्षेत्र के कुदरी गांव निवासी शिवपूजन रौनियार पुत्र रामनरायन रौनियार ने उसे पीछे से पकड़ लिया और उसका मुंह दबाकर अरहर के खेत में ले जाकर जबरन दुष्कर्म किया। बेटी के चीखने चिल्लाने की आवाज सुनकर उसकी मां मौके पर गई तो शिवपूजन रौनियार को भागते हुए देखा। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर शिवपूजन रौनियार के विरुद्ध न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी शिवपूजन रौनियार को उम्रकैद एवं एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। वही अर्थदंड की समूची धनराशि एक लाख रुपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश अग्रहरि, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की।