- 40 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद
- 14 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ साढ़े आठ वर्ष पूर्व किया था दुष्कर्म
- जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी
- पांच आरोपी साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त
सोनभद्र। साढ़े आठ वर्ष पूर्व 14 वर्षीय नाबालिग लड़की को बहला फुसलाकर भगाकर ले जाने एवं उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो सोनभद्र पंकज श्रीवास्तव की अदालत ने शनिवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी रामचंद्र केशरी उर्फ रामू केशरी को 10 वर्ष की कैद एवं 40 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। साथ ही जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित रहेगी। वहीं पांच आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने दी तहरीर में आरोप लगाया था कि 22 अप्रैल 2013 को उसकी 14 वर्षीय नाबालिग बेटी को बहला फुसलाकर शाहगंज थाना क्षेत्र के रामपुर गांव निवासी रामचंद्र केशरी उर्फ रामू केशरी पुत्र राजमनी कहीं भगाकर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। इस कार्य में राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के बिच्छी गांव निवासी शम्भूनाथ केशरी, रामसुमेर केशरी,संतोष केशरी, दिनेश केशरी व शाहगंज थाना क्षेत्र के रामपुर गांव निवासी सुरेश उर्फ बबलू केशरी का सहयोग रहा। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी रामचंद्र केशरी उर्फ रामू केशरी को 10 वर्ष की कैद एवं 40 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। वहीं पांच आरोपियों शम्भूनाथ केशरी, संतोष केशरी, दिनेश केशरी, रामसुमेर केशरी व सुरेश उर्फ बबलू केशरी को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश अग्रहरि एवं सत्य प्रकाश त्रिपाठी एडवोकेट ने बहस की।