शिवद्वार मे कलश यात्रा के साथ रूद्र महायज्ञ का हुआ शुभारंभ

गुप्तकाशी में 2 अगस्त तक चलेगा अभिषेकात्मक रुद्र महायज्ञ एवं श्रीराम कथा का प्रवचन

सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव)- जनपद के घोरावल तहसील क्षेत्र अंतर्गत गुप्तकाशी के नाम से सुचर्चित परिक्षेत्र में द्वितीय काशी के सम्भाग शिवशक्ति के द्वार शिवद्वार में रविवार से अभिषेकात्मक रूद्र महायज्ञ एवं श्री राम कथा का शुभारंभ गाजे बाजे के साथ हर हर महादेव एवं जय

श्री राम के शंखनादी उद्घोष और कलश यात्रा के साथ सविधि पूर्वक हुआ। ज्ञातव्य हो कि यह पुनीत व ऐतिहासिक स्थल महानद शोण व बेलन नदी के उभय पार्श्वों सुमध्य विंध्यमण्डल के ऐतिहासिक शैव-शाक्त सम्प्रदाय का एकल स्थल है। रविवार से आरम्भ रूद्र महायज्ञ एवं श्री राम कथा प्रवचन गायक धार्मिक कार्य 2 अगस्त तक चलेगा। यह जानकारी धर्म और भारतीय

संस्कृति से जुड़े साहित्यकार परमेश्वर दयाल श्रीवास्तव ‘पुष्कर’ ने इस संवाददाता को दी है। उन्होंने बताया कि श्री अभिषेकात्मक रुद्र महायज्ञ जहाँ प्रतिदिन रुद्राभिषेक के साथ ही वृन्दावन से पधारी साक्षी किशोरी जी का श्रीरामकथा प्रवचन होगा 2 अगस्त को पूर्णाहुति व समष्टिभोज भण्डारा आयोजित है। इस दौरान उन्होंने इस क्षेत्र की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आर्यावर्त का प्रवेशद्वार शिवद्वार तथ्यकथ्य से सर्वथा स्वीकार्य है । इसे और साफ करते हुए बताया कि जन-जन में तो आर्यावर्त दक्षिण से उत्तर शिवद्वार से हरिद्वार तक और उससे आगे उत्तर में स्वर्गद्वार शुरू होता है आर्यावर्त में अर्थात पौराणिक आख्यानों के अनुसार अनादि काल से हिमालय से विन्ध्य और इनकी उपत्यकाओं पर्वतश्रेणी तक आर्यावर्त की सीमा वर्णित रही है। उन्होंने बताया कि रविवार को 108 कलशों के साथ कलश यात्रा निकाली गई जिसमें भारी संख्या में नर नारी सम्मिलित रहे। इसके पूर्व आचार्य प्रशान्त त्रिपाठी व काशी से आये अन्याय आचार्यों द्वारा पूजन आदि का कार्य संपादित किया गया।

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