भारतीय संस्कृति को डॉ सुधांशु शुक्ला दे रहें विस्तार

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चाय पर मिली कहानी, गीतकार डॉ रचना तिवारी की जुबानी—

सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव)- सोनांचल की लोकप्रिय कवियत्री डॉक्टर रचना तिवारी के नवनिर्मित ‘रचना घर’ में गुरुवार को ‘बज्में-अदब’ की सजी छोटी ही सही साहित्यकारों की महफिल में चाय की चुस्की पर भारत को एक बार फिर ‘विश्व गुरु’ बनाने की दिशा में योगदान दे रहे लोगों की चर्चा परवान चढ़ रही थी। मेजबान डॉ

रचना तिवारी ने भारतीय संस्कृति को डिजिटल पटल पर विस्तार दे रहे उत्तर प्रदेश के हरदोई के रहने वाले एवं हंसराज कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रवक्ता और हिंदी भाषा के विद्वान ड़ॉ सुधांशु शुक्ला के कार्यो पर विस्तार से प्रकाश डाला। डॉक्टर रचना तिवारी की कही हुई साहित्यिक अभिव्यक्ति को कुछ पंक्तियों में बांधना
आसान काम नही है। इसलिए कुछ लाइनों में हिंदी के विद्वान डॉक्टर शुक्ला के योगदान को आप तक पहुंचा
ने का प्रयास कर रहा हूँ। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद की वैश्विक सोच को मूर्त रूप देने में डॉ सुधांशु शुक्ला काअनूठा हस्ताक्षरित योगदान है। पोलैंड में हिंदी चेयरमैन वर्सा विश्वविद्यालय में भारत द्वारा भेजे गए डॉक्टर शुक्ला का ढाई साल तक पोलैंड में प्रवास रहा और इस दौरान उन्होंने सच्चे हिंदी साहित्य सेवी के साथ साथ भारतीय संस्कृति को भी फलक पर बैठाने का भरपूर काम किया। इतना ही नहीं उन्होंने भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी के भारतवर्ष को ‘विश्वगुरु’ बनाने की परिसंकल्पना को साकार करने का काम बहुत ही शोध परक दृष्टि से किया। पोलैंड में रहकर डॉक्टर शुक्ला ने प्रवासी लोकप्रिय साहित्यकारों पर लेखनी चलाई तथा भारतीय और विदेशी संस्कृति पर समीक्षात्मक लेखन किया। उन्होंने इतना ही नहीं किया बल्कि पोलैंड से प्रवास के दौरान व्याख्यान देने अमेरिका और चेक रिपब्लिक जैसे देशों में भी गए जहां प्रधानमंत्री जी के उच्चविचारों को जन जन तक पहुंचाने का काम कलम और व्याख्यान दोनो माध्यमों से किया। डॉक्टर शुक्ला ने स्वच्छ- भारत अभियान,एक कदम आज़ादी की ओर,आज़ादी का अमृत महोत्सव जैसे विषयों को अंतरराष्ट्रीय फलक पर तो पहुंचाया ही अनगिनत डिजिटल पटल पर भारतीय संस्कृति को विस्तार भी दिया। डॉक्टर सुधांशु शुक्ला ने पोलैंड में हिंदी पढ़ाने के साथ साथ संस्कृति और साहित्य जैसी अनेक गतिविधियों में भी अपनी छाप छोड़ी है। अभी हाल ही में डॉक्टर शुक्ला पोलैंड से भारत लौटे हैं जहां उनके साहित्यिक व भारतीय संस्कृति के लिए किए गए कार्यों की भरपूर सराहना की जा रही है। चाय के साथ चर्चा में कलमकारों संग साहित्यकारों व लेखकों की जुटान ने डॉ सुधांशु शुक्ला को उनके इस अप्रतिम योगदान के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उनको बधाई दी है। वरिष्ठ पत्रकार व साहित्यकार और मीडिया फोरम ऑफ इंडिया (न्यास) के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी,सोन साहित्य संगम के उप निदेशक सुशील कुमार ‘राही’, गजलकार शिवनरायन ‘शिव’, सोन साहित्य संगम के संयोजक राकेश शरण मिश्र एडवोकेट , शिक्षक व कवि सरोज सिंह , दिवाकर द्विवेदी ‘मेघ विजयगढ़ी’ प्रभात सिंह चंदेल,और राजेश द्विवेदी ‘राज’ इकबाल अहमद आदि साहित्यकारों ने डॉक्टर सुधांशु शुक्ला के भारतीय संस्कृति और हिंदी भाषा के सतत उत्थान में किए गए योगदान की सराहना करते हुए बधाई दी ।

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