बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय)
बीते कल देर शाम तहसीलदार दुद्धी ने रास्ते को कटवा कर खनन की रास्ते को किया था बंद।
कोरोनाकाल में प्रशासन ने दी आजादी।
खनन माफिया और तहसील प्रशासन के बीच चल रहा लुका छुपी का खेल।
प्रशासन की लापरवाही के कारण वर्षों से एसडीएम के छूट रहे पसीने।
बभनी।थाना क्षेत्र के बैना सागोबांध गांव से सटे गूलर घाट पागन नदी पर हो रही है दस दिनों से अवैध खनन। उत्तर प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों के बीच पागन नदी से अवैध खनन जारी है बीते बुधवार की देर शाम म्योरपुर वन क्षेत्राधिकारी, तहसीलदार दुद्धी अशोक कुमार पांडेय, बभनी पुलिस आदि ने नदी से लोड कर खनन में लगे बड़े वाहनों के आने जाने वाले रास्तों को कटवा कर बंद किया था। लेकिन तहसील प्रशासन की टीम वापस जाते ही खनन माफियाओं द्वारा पुनः नदी में बनाए गए रोड को बामा पाइप डालकर रास्ते को आवागमन लायक बना कर ट्रकों के

माध्यम से खनन चालू कर दिया सबसे विशेष बात यह है कि एक साल पूर्व में भी इन घाटों से बालू की अवैध खनन हो रही थी जांच में एडीएम योगेंद्र बहादुर सिंह भी पहुंचे थे और मौके पर अवैध खनन में लिप्त कुछ ट्रकों को सीज भी किया था। इस संबंध में तहसीलदार दुद्धी अशोक कुमार पांडे ने बताया कि यदि काटे गए रास्ते को खनन माफियाओं द्वारा रास्ता बनवाया गया हो तो तुरंत जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। बताते चलें कि वर्षों से बालू माफियाओं के सामने बभनी पुलिस को चुप्पी साधना पड़ रहा है। जिसके कारण लोगों की शिकायत पर उपजिलाधिकारी खनन बंद कराने व कार्रवाई कराने में पसीने छूटने लगे हैं दो तीन दिन बीत जाने के बाद पुलिस के लोग ट्रकों को देखते हुए भी मुंह मोड़ लेते हैं।
ग्रामीण सड़क गढ़ों में तब्दील।
लगभग 10 दिनों से हो रहे खनन से ग्रामीण सड़कों की हालत अत्यंत दयनीय होती जा रही है राहगीरों को चलने फिरने में काफी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है ग्रामीणों में राजेंद्र प्रसाद, दिनेश कुमार, संतोष कुमार ,रामदेव ,शिव पूजन ,शिवप्रसाद आदि ने जिलाधिकारी महोदय का ध्यान आकर्षित करते हुए अवैध खनन बंद कर कार्यवाही करने की मांग की है।
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