नहीं रहे दक्षिणांचल में शिक्षा की ज्योति जलाने वाले

बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय)

बुझ गया दक्षिणांचल ग्रामोदय को रौशन करने वाला चराग़।

बभनी। विकास खंड के दक्षिणांचल ग्रामोदय के नाम से शिक्षा की ज्योत जगाने वाले सरल स्वभाव व मिलनसार प्रवृति व कितने छात्रों के मार्ग दर्शक गरीब आदिवासी छात्र छात्राओं के जीवन को ज्ञान के रौशनी से रौशन करनेवाले हृदय विदारक प्रबंधक जवाहर लाल पाण्डेय अब हम सब के बीच नहीं रहे।शिक्षा जगत में एक अपूर्णीय क्षति एक शिक्षक संस्थापक

अभिभावक व बेहतरीन गुरु के रूप में अपनी सेवा से इस आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में दक्षिणाचल ग्रामोदय शिक्षण संस्थान के रूप में ज्ञान रूपी धन लुटाने वाले की कमी हमेशा हमेशा पूरे विकास खण्ड बभनी के लोगों को खलती रहेगी ।जबसे उपरोक्त शिक्षा क्षेत्र के योद्धा के मौत की ख़बर लोगों ने सुना है उनके घर उनके चाहने वालों का तांता लगा हुआ है।हर शख्स की आंखे नम है।मृतक के शुभचिंतक से मालूम हुआ कि उनकी बेटी की शादी दो दिन बाद होने वाली थी बेटी की डोली उठने से पहले ही पिता की अर्थी उठ गई।परिवार के लोगों का रोरो कर बुरा हाल है अपने पीछे तीन बेटी व एक बेटे को छोड़ गए। जवाहर लाल पांडेयजी लगभग बीस दिनों से कोरोना महामारी को लेकर संघर्षरत रहे हालात बिगड़ने पर पांच मई को जिला अस्पताल पहुंचे और उनका उपचार चल रहा था शनिवार को चिकित्सकों ने बीएचयू परिसर में स्थित डीआरडीए के लिए रेफर कर दिया सुबह दस बजे तक उनके लड़के ॠषिकेश पांडेय से बातचीत के दौरान पता चला कि उनकी हालत पहले से सही है अचानक तवि‌यत बिगड़ने पर लगभग बारह बजे उन्होंने अंतिम सांस लिया जिससे ग्रामोदय की ज्योति बुझ गई।

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