मानवता की डाला रहवासियों ने किया मिसाल पेश, मुस्लिम महिला की कंधों पर निकाली गांजे बाजें के साथ अर्थी

सोनभद्र – मानवता भी एक बार सोच में पड़ गयी जब एक मुस्लिम बृद्ध महिला की अर्थी हिन्दू रीति रिवाज से निकाली गईं। डाला के धौठा टोला में उप्र सीमेंट निगम कर्मी रहे जलील की मृत्यु लगभग सात साल पहले हो गयी थी। तब से उनकी पत्नी गुलशन डाला के धौठा टोला में अकेले निवास करती थी। जो पति के मिलने वाले पेंशन से जीविकोपार्जन किया करती थी। तथा बहुत ही मिलनसार थी किसी के यहां शादी व कर्म कांड में आया जाय करती थी। 75 वर्ष की गुलशन की शारीरिक क्षमता धीरे-धीरे घटने लगी।जिसे देख डाला निवासी मनीष तिवारी ने सहयोग का हाथ बढ़ा दिया।बिते लगभग तीन वर्षो से भी अधीक समय से मनीष गुलशन के सुख-दुख में पुरा सहयोग करता चला आ रहा था।बिते एक माह से गुलशन की तबियत ज्यादा खराब होने के कारण उसका बिस्तर से उठना मुहाल हो गया था।जिसकी मंगलवार की भोर में निधन हो गया।उसकी मृत्यु की सूचना पनारी ग्राम पंचायत के चैनाटोला में रहने वाले उसके भाई सोना को देने के साथ ही उसके ससुराल सलखन में भी लोगो ने दे दिया।लोगो ने बताया कि गुलशन विगत 15 वर्षो से सलखन आती-जाती नहीं थी इधर मनीष व आसपास के सैकड़ो रहवासियो ने पुरी हिन्दू रीति रिवाज से

गुलशन की अर्थी तैयार की जिस पर राम नाम की चादर लोगो ने चढ़ाया ढ़ोल-बाजा मंगाया गया।मानवता के कंधे पर सवार होकर गुलशन देवी की अर्थी ढ़ोल-गाजे बाजे के साथ निकली जिसमें बिना बुलाए ही स्थानीय लोग अर्थी संग हो लिए। जिसे डेढ़ किमी तक ले जाने में मनीष कुमार तिवारी,प्यारेलाल ठाकूर,विमल विश्वकर्मा,आल्हा कुमार,लक्ष्मण चौधरी व विजय चौधरी ने कंधा दिया तभी मृतक गुलशन का भाई सोना और उसके ससुराल पक्ष के लोग आकर शव को अपने यहां ले जाने की मांग करने लगे। जिसे स्थानीय लोग देने से इनकार किए तो *डाला चौकी प्रभारी एस.के.सोनकर* ने मानवता व बेमिशाल कायम करने वाले पक्षकार हिन्दूओं से शव को उसके परिवार जनो को सौपने की बात कही। जिस पर स्थानीय लोग सहमत हो गये और मृतक को उनके परिवार वालों को सौप दिया गया उसके बाद लोगो ने अश्रूपूर्ण अंतिम विदाई दी।

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