गुरमा-सोनभद्र(मोहन गुप्ता) : सदर विकास खण्ड क्षेत्र के अन्तर्गत गुरमा मारकुण्डी के मध्य घाघर नदी पर कसहवा घाट का सम्पर्क मार्ग वर्षों से आज भी क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार बना हुआ है। जनप्रतिनिधियों के केवल कोरे वादों से अपने अस्तित्व के साथ-साथ बच्चों को भी नदी के धारा में बहाने को तैयार है यह जर्जर पुल बार-बार
आश्वासन और सरकारी उपेक्षा के कारण इसके पहले भी कई दुर्घटनाएं इस पुल की जर्जरता के कारण घट चुकी हैं। लगभग 52 वर्ष पूर्व इस पर लगाई गई लोहे की जालियां पूरी तरह से गायब हो चुकी हैं और पत्थर के पिलर भी जगह जगह टूट कर गड्ढों में तब्दील हो गए हैं। प्रतिदिन सैकड़ों स्कूली बच्चे और बड़ी संख्या
में स्थानीय लोग तथा जिला कारागार में सर्विस करने वाले सिपाही, कर्मचारी व आम जनता भी इसी निकटतम रास्ते का सहारा लेती है लेकिन आज तक शासन-प्रशासन की तरफ से इसके पुनर्निर्माण के लिए कोई पहल नहीं की गई। इन्हीं समस्याओं को देखते हुए स्थानीय समाज सेवी उधम सिंह अपनी टीम एवं स्थानीय लोगों के सहयोग से विगत कुछ दिनों से जर्जर पुल पर पटिया रखवाकर आम लोगों के आवागमन को सुगम बनाने का सराहनीय प्रयास कर रहे हैं। किन्तु समस्या की गंभीरता को देखते हुए सरकारी सहयोग की अनिवार्य आवश्यकता है उक्त सम्बन्ध में जिलाधिकारी का ध्यान अपेक्षित है।