बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय)
ग्राम प्रधानों सेक्रेटरियों व बाबूओं की चांदी।
बभनी। विकास खंड में दस वर्षों से किसी खंड विकास अधिकारी व ग्राम विकास अधिकारी पंचायत की स्थाई नियुक्ति न होने से ब्लाक में मनमानी चलने लगी है जिससे ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी बाबूओं के सांठ-गांठ से अपनी कागजी कार्रवाई पूरी करने लगे होते हैं इनके पास दो जगह का प्रभार होने के कारण यहां बीडीओ तो महीने में एक दो बार आ भी जाते हैं पर यहां के लोगों को इस बात का भी पता नहीं चलता कि यहां का स्थाई एडीओ पंचायत है कौन? यहां सेक्रेटरियों को तत्कालिक प्रभार पर एडीओ पंचायत के चार्ज पर बैठाकर काम कराया जाता है। बताते चलें कि बभनी विकास खंड के कुछ ग्राम प्रधान व सेक्रेटरियों के सांठ-गांठ से बाबूओं से मिलकर कागजी कार्रवाई पूरी कर ली जाती है और संविदाकर्मी जेईओं के द्वारा एमबी करा लिया जाता है और गांवों में अक्सर विकासकार्यों को लेकर आए दिन प्रर्दशन होते रहते हैं परंतु इन सभी बातों के जानकारी के लिए कोई असली जिम्मेदार होता ही नहीं है। जब मामलों की जानकारी पता करनी होती है तो अक्सर सेक्रेटरियों के मोबाइल भी बंद मिलते हैं या फिर फोन उठाया ही नहीं जाता है जब क्षेत्र में शिकायतें बढ़ जाती हैं तब अखिल भारतीय कांग्रेस प्रियंका सोनिया सेना के जिलाध्यक्ष बीके मिश्रा ने बताया कि क्षेत्र में लोगों के तमाम शिकायतों के बाद भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने लगता है तो कुछ सेक्रेटरीयों को निलंबित कर दिया जाता है या फिर बर्खास्त जिसके कारण कुछ सीधे-सादे सेक्रेटरीयों को भी इन सभी के किए का अंजाम भुगतना पड़ता है। स्थानीय लोगों की मानें तो यहां दूसरा बीडीओ बाबूओं को ही मान लिया जाता है।