पुरुषोत्तम चतुर्वेदी की रिपोर्टवाराणसी।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अजय राय ने अपने बड़े भाई अवधेश राय हत्याकांड में आरोपित बाहुबली विधायक मुख्यार अंसारी के खिलाफ गवाही देने के लिए सरकार से सुरक्षा देने की मांग की है। पूर्व मंत्री ने पंजाब के रोपड़ जेल में बंद माफिया विधायक मुख्तार अंसारी से जानमाल का खतरा बताते हुए कहा कि वे 09 फरवरी को किसी भी हाल में प्रयागराज एमपी एमएलए कोर्ट में गवाही देंगे। पूर्व मंत्री अपने लहुराबीर महामंडल नगर स्थित आवास में रविवार अपरान्ह मीडिया से रूबरू थे। उन्होंने कहा कि बड़े भाई अवधेश राय हत्याकांड में मुख्यार अंसारी को मजबूत गवाही से सजा तय है। ऐसे में मुख्यार अंसारी अपने को बचाने के लिए उनपर प्राणघातक हमला करवा सकता है।उन्होंने कहा कि बड़े भाई के हत्या मामले में वे चश्मदीद गवाह और वादी भी है। उन्होंने बताया कि इस मुकदमें में उन्हें सुरक्षा देने के लिए न्यायालय ने सत्र परीक्षण के दौरान पर्याप्त सुरक्षा देने के लिए आदेश पारित किया था। लेकिन उनकी सुरक्षा व्यवस्था भी हटा ली गई और उनका शस्त्र लाईसेंस भी निरस्त कर दिया गया। पूर्व विधायक के नाते एक सुरक्षा कर्मी दिया गया है। बाहुबली विधायक को पंजाब से यूपी गाजीपुर में पेशी पर लाने के लिए तमाम अडचनों के लिए कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी,पंजाब सरकार पर लगने वाले आरोपों को नकार पूर्व विधायक ने केन्द्र और प्रदेश सरकार पर ही सवाल उठा दिया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार चाहे तो माफिया विधायक को पेशी पर लाने से कौन रोक सकता है।प्रदेश में माफिया विधायक के आर्थिक साम्राज्य के खिलाफ चल रहे अभियान पर तंज कसते हुए पूर्व विधायक ने कहा कि सरकार ही मुख्तार अंंसारी और अतीक को बचा रही। चुनाव में भाजपा के नेता कहते थे कि पाकिस्तान से माफिया डान दाउद इब्राहिम को लायेंगे। ये सरकार पंजाब रोपण जेल में बंद माफिया विधायक को नही ला पा रही। पूर्व विधायक ने सरुक्षा मामले में सरकार पर सहयोग नही मिलने का आरोप लगाकर कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि कुछ भी हो अब वे माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ निर्भिक होकर गवाही देने के साथ न्यायालय में साक्ष्य उपलब्ध करायेंगे। बताते चले मऊ के बाहुबली माफिया विधायक मुख्तार अंसारी को यूपी लाने की पुलिस की कोई योजना सफल नही हुई है। प्रदेश सरकार ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का भी सहारा लिया। लेकिन वहां भी सफलता नही मिली