लंकापति रावण के वध से तीनों लोकों में छाई खुशियां

-रावण ने की भूदेव की परिक्रमा।

-श्री राम की विजय पर छोड़े गए पटाखे।

– प्रभारी हर्षवर्धन के तकनीकी प्रयासों से 75000 देश-विदेश के राम भक्त इस पाठ का लाइव प्रसारण देख रहे हैं।

-हाईटेक हुआ श्रीरामचरितमानस नवाह पाठ महायज्ञ।

सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव)- श्रीरामचरितमानस नवाह पाठ महायज्ञ अब हाईटेक हो गया समिति के महामंत्री सुशील पाठक ने बताया कि-” नगर के युवा, पत्रकार एवं हमारे समिति के मीडिया प्रभारी हर्षवर्धन केसरवानी द्वारा इस महायज्ञ का प्रतिदिन फेसबुक पेजhttps://www.facebook.com/26shriramcharitmanas/ पर सीधा प्रसारण किया जा रहा है और अब तक इस प्रसारण को देश-विदेश के लगभग 75000 लोग देख चुके हैं। प्रतिदिन राम कथा, आरती, प्रवचन का आनंद ले रहे हैं। आज महायज्ञ के आठवें दिन चौबंद सुरक्षा

व्यवस्था एवं शासन द्वारा कोविड-19 के उन्मूलन के लिए जारी गाइड लाइन के अनुसार श्रीराम द्वारा दशानन के बध की झांकी का भव्य दर्शन पूर्व विधायक रमेश चंद्र दुबे,शिव सांवरिया संगम गुप्ता राजकुमार अग्रवाल मिठाई लाल सोनी अजीत भंडारी देवेंद्र पटेल आदि भक्तजन कर धन्य- धन्य हो गए। मुख्य आचार्य श्री सूर्यलाल मिश्र के मुखारविंद से जैसे ही याद दोहा प्रसारित हुआ-*खैची सरासन श्रवन लगी छाडेड़ सर एकतीस।रघुनायक सायक चले मानहू काल फ़ीस ।।*
भगवान श्री राम कान तक धनुष को खींचकर 31 बाण छोड़े वह बाण ऐसे चले मानो कालसर्प हो और इन बाणो ने दशानन के नाभि के अमृत कुंड को सोख और वह पृथ्वी पर गिर पड़ा। देखकर देवताओं,मुनियों, किन्नरों गंधर्वों के समूह भगवान श्री राम के ऊपर फूल बरसाने लगे कहते हैं कृपालु की जय हो, मुकुल की जय हो जय हो। इस भव्य, मनोरम दृश्य को देखकर मानस पंडाल में उपस्थित भक्तजनों ने भगवान श्री राम की जय हो का गगनभेदी उद्घोष किया और इस अवसर पर पटाखे छोड़े गए, भगवान श्रीराम की भव्य झांकी का दर्शन कर भक्तो नेआध्यात्मिक आनंद उठाया इस आनंदमई बेला में भगवान श्री राम पर पुष्पों की वर्षा की गई।
इसके पूर्व लंकापति रावण ने उपस्थित भूदेव की परिक्रमा किया और राम रावण संवाद बड़े ही रोचक ढंग से संपन्न हुआ। शाम प्रवचन में गोरखपुर से सारी कथावाचक हेमंत त्रिपाठी ने लंकाकांड के विभिन्न प्रसंगों प यथा हनुमान का लंका को प्रस्थान, सुरसा से भेज छाया पकड़ने वाली राक्षसी का वध, लंका वर्णन, लंकिनी पर प्रहार, लंका में प्रवेश, हनुमान विभीषण संवाद, हनुमान का अशोक वाटिका में सीता को देखकर दुखी होना और रावण का सीता को भय दिखाना, सीता हनुमान संवाद, हनुमान जी द्वारा अशोक वाटिका का विध्वंस, अक्षय कुमार का वध, मेघनाथ का हनुमान जी को नागपाश में बांधकर राम दरबार में ले जाना, रावण हनुमान संवाद, लंका दहन, सीताजी से हनुमान जी द्वारा विदाई मांगना, चूड़ामणि लेकर वापस लौटना आदि प्रसंगों पर सारगर्भित संगीतमय कर देने वाला प्रवचन सुना। जैसे ही वर्ष 2020 की विदाई की बेला आई वैसे ही संपूर्ण विश्व के कल्याण एवं कोरोनावायरस से मुक्ति लिए उपस्थित भक्तों द्वारा हनुमान चालीसा का सास्वर पाठ किया गया और ईश्वर से मंगल कामना की गई कि जिस तरह रामचरितमानस के सुंदरकांड पढ़ने से समस्त दुख,रोगो, व्याधियों का नाश होता है उसी प्रकार हनुमान चालीसा के पाठ से संपूर्ण विश्व रोग मुक्त, भयमुक्त होगा। मंच आचार्य संतोष कुमार द्विवेदी का 1 जनवरी “दिवस होने के कारण मंच पर उपस्थित हेमंत त्रिपाठी, समस्त आचार्यों,समिति के महामंत्री सुशील पाठक, सोन घाटी पत्रिका के प्रधान संपादक दीपक कुमार केसरवानी, समिति, यजमान अजय कुमार शुक्ला, शिशु त्रिपाठी, सदस्य मन्नू पांडे, सुधाकर द्विवेदी, चंदन चौबे, महेश चंद्र द्विवेदी रवींद्नाथ पाठक सहित अन्य भक्तों ने उन्हें माला पहना कर उनके दीर्घायु होने की मंगल कामना किया।

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