-आचार्य सूर्य लाल मिश्र,भूदेव सहित स्त्रियों ने गाये बधाई एवं विवाह गीत।
-विवाह अवसर पर प्रसाद स्वरूप वितरित किया गया श्रृंगार सामग्री।
-श्रीराम विवाह की दिखाई गई आकर्षक झांकी।
-पटाखा छुड़ाकर हर्ष व्यक्त किया गया।
सोनभद्र। जनपद मुख्यालय रॉबर्ट्सगंज के स्थानीय आरटीएस क्लब मैदान में चल रहे रामचरितमानस नवाह पाठ के तृतीय दिवस के अवसर पर मानस पांडाल में श्री राम जानकी का विवाह उत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
लेत चढ़ावत खैचत गाढै।
काहू न लखा देख सब ठाढे।।
तेहि छन राम मध्य धनु तोरा।
भरे भुवन धुनि घोर कठोरा।।
इसी दोहे के साथ शिव का धनुष भंग हुआ। और लोगों में उत्सव मनाया जाने लगा, देवी- देवता दर्शन के लिए आने लगे और माता जानकी- भगवान श्रीराम ने एक दूसरे के गले में वरमाला डाला, विवाह संस्कार पूर्ण हुआ।
झांझ, मृदंग शंख शहनाई।
मेरी री ढोल दूदूभी सुहाई।।
बाजहि बहू बाजने सुहाये।
जह तह जुबतिनह मंगल गाये।।
आचार्य श्री लाल मिश्र के मुखारविंद उद्धृत गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरितमानस के बालकांड की चौपाई के साथ मानस पांडाल में भक्तजनों में हर्ष का माहौल छा गया और उपस्थित भक्तजन बधाई एवं विवाह गीत गाने लगे।
श्री राम के विवाह उत्सव के खुशी में प्रसाद स्वरूप स्त्रियों में श्रृंगार की वस्तुएं वितरित की गई और राम विवाह की झांकी बड़े सुरुचि पूर्ण ढंग से सजाई गई।
राम- लक्ष्मण-परशुराम संवाद, राजा दशरथ के पास जनकजी का दूत भेजना, अयोध्या से बारात का प्रस्थान, बारात का जनकपुर में आना और स्वागत आदि, सीता राम विवाह, अयोध्या लौटना और अयोध्या में आनंद आदि प्रसंगो का संगीतमय गायन मुख्य व्यास एवं भूदेवो ने किया।यजमान अजय कुमार शुक्ला माधुरी शुक्ला ने राजा जनक और सुनैना के रूप में प्रभु श्रीराम की कृपा विधि के उपरांत पाव पखारकर कन्यादान करने के रस्म को निभाया। जयकारा और पटाखों की ध्वनि से नगर गूंज रहा है,राजा दशरथ के रूप मैं सुशील पाठक बारातियों के साथ मंडप की शोभा बढ़ा रहे थे और पूज्य वादा व्यास जी ने महामंत्री सुशील पाठक जी के द्वारा गुरु वशिष्ठ और शतानंद को अंग वस्त्र भेंट कर स्वागत कराया।
इस अवसर पर महामंत्री सुशील पाठक,रामसकल चौबे, रवि जालान,किशोर केडिया, रमेश थरड, मिठाई लाल सोनी,शिवजी सिंह,विवेक पटेल, हर्षवर्धन केसरवानी भाभी नहीं सहित भक्तजन उपस्थित रहकर राम विवाह के झांकी का आनंद उठाया। सहित समिति के पदाधिकारी एवं सदस्यगण उपस्थित रहे।