निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार आन्दोलन शुरू

*विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उप्र ने निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार आन्दोलन शुरू हुआ।

पूर्वांचल विद्युत वितरण का निजीकरण का फैसला वापस ले तभी आंदोलन होगा समाप्त

वाराणसी में बिजली कर्मियों के विरूद्ध की गयी एफआईआर वापस करें।

बिजली कर्मियों के आन्दोलन को राष्ट्रव्यापी समर्थन

सोनभद्र।विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के केंद्रीय पदाधिकारियों के दौरे संघर्ष समिति के संयोजक श्री शैलेंद्र दूबे जी के नेतृत्व में आज अनपरा परियोजना पर कार्यरत सभी बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों व अभियन्ताओं ने आज सुबह 10 बजे से 1 बजे तक विरोध सभा की तथा निजीकरण पर हल्ला बोला। उन्होंने निजीकरण को सत्ता के मध्य बैठे पूजीपतियों के दलालों के दिमाग की उपज बताई तथा निजीकरण के विरोध में एकजुट होकर मैदान में उतरने के लिए सभी का आह्वान किया तथा सभी को 5 अक्टूबर से होने पूरे दिन चलने वाली कार्यबहिष्कार सभा को सफल बनाने का आह्वान भी किया। उप्र के बिजली कर्मचारियों की शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जन्म जयंती पर मशाल जुलूस निकाल रहे उप्र के बिजली कर्मियों की गिरफ्तारी की देशभर में निन्दा की गयी।

कार्य बहिष्कार के आज राजधानी लखनऊ सहित सभी जनपवद व परियोजना मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किये गये। अनपरा, ओबरा, मेरठ, नोएडा, गाजियाबाद, सहारनपुर, बुलन्दशहर, गोरखपुर, आजमगढ़, वाराणसी, प्रयागराज, मिर्जापुर, कानपुर, झांसी, मुरादाबाद, बरेली, बांदा, आगरा, अलीगढ़, पनकी, पारीछा, हरदुआगंज, बस्ती, अयोध्या, देवीपाटन, पिपरी समेत सभी जनपद मुख्यालयों एवं परियोजनाओं पर विरोध प्रदर्शन हुए। वाराणसी एवं प्रयागराज में शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती पर शांतिपूर्ण मशाल जुलूस निकाल रहे बिजली कर्मियों पर नामजद एफ आई आर कराने की संघर्ष समिति ने घोर निन्दा की । साथ ही किसी भी दमनात्मक स्थिति में सम्पूर्ण हड़ताल पर जाने एवं जेल भरो आंदोलन के लिए भी सभी विद्युतकर्मियों से तैयार रहने को कहा। सरकार ने नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर(NLDC) और उत्तरी क्षेत्र लोड डिस्पैच सेण्टर(NRLDC) को 01अक्टूबर को यह संदेश दिया है कि उप्र में 05 अक्टूबर से हड़ताल संभावित है।बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने वाली इन राष्ट्रीय और उत्तर क्षेत्रीय सिस्टम कट्रोल संस्थाओं को यह संदेश देना कि उप्र में 05 अक्टूबर से हड़ताल हो रही है इस बात का स्पष्ट संकेत है कि सरकार का निजीकरण को लेकर हठवादी रवैय्या कायम है और सरकार हमारे ऊपर हड़ताल थोपना चाहती है।

हमारा 05 अक्टूबर से पूर्ण कार्यबहिष्कार का निर्णय है किन्तु सरकार ने संघर्ष समिति से वार्ता तक करना उचित नही समझा और अब हमारे ऊपर हड़ताल थोपी जा जा रही है। यह भी पता चला है कि एन टीपीसी और पॉवर ग्रिड को भी 05 अक्टूबर से उप्र में कार्य सँभालने के लिए एलर्ट कर दिया गया है। लखनऊ में हड़ताल से निपटने के लिए प्रातः 08 बजे से ही सरकार और प्रबंधन की आपात बैठक चल रही है।
सभा को संबोधित करते हुए अभियंता संघ के महासचिव इं प्रभात सिंह ने कहा कि यह आपात परिस्थितियाँ हैं और हमारा संकल्प है कि हम अरबों खरबों रु की सार्वजनिक क्षेत्र की पॉवर कारपोरेशन की परिसंपत्तियों को कौड़ियों के मोल किसी भी कीमत पर निजी घरानों को हस्तांतरित नही होने देंगे।
जूनियर इंजीनियर संगठन के अध्यक्ष इं जी वी पटेल ने बताया कि निजी कंपनी अधिक राजस्व वाले वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं को प्राथमिकता पर बिजली देगी जो ग्रेटर नोएडा और आगरा में हो रहा है। निजी कंपनी लागत से कम मूल्य पर किसी उपभोक्ता को बिजली नहीं देगी। अभी किसानों, गरीबी रेखा के नीचे और 500 यूनिट प्रति माह बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को पॉवर कारपोरेशन घाटा उठाकर बिजली देता है जिसके चलते इन उपभोक्ताअें को लागत से कम मूल्य पर बिजली मिल रही है। अब निजीकरण के बाद स्वाभाविक तौर पर इन उपभोक्ताओं के लिए बिजली मंहगी होगी।
अनपरा परियोजना गेट पर हुई सभा को शैलेन्द्र दुबे, प्रभात सिंह, जी वी पटेल, रोहित राय, आलोक कुमार श्रीवास्तव, डी पी पांडेय, मनिंद्र नाथ, ए के राय, अजय कुमार सिंह, पी ए गुप्ता, पी पी त्रिपाठी, अवधराज सिंह, मनीष श्रीवास्तव, अभिषेक बरनवाल, सुशील श्रीवास्तव, शारदा प्रसाद, सत्यम यादव, विवेक सिंह, राजकुमार सिंह, रविन्द्र जायसवाल, बृजेश शर्मा, राकेश वर्मा, अनिल यादव, दिनेश द्विवेदी, अभिषेक त्रिपाठी, गजानन श्रीवास्तव,जयंत तिवारी, नरेंद्र आदि ने मुख्यतया सम्बोधित किया।

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