*हौसला के आगे गरीबी नही रोक पायी मंजिल
*क्षेत्र के लिए नजीर बनी सुष्मिता
कोन/सोनभद्र-(नवीन चंद्र)-जब हौसला हो बुलन्द तो लाख बन्दीसे भी बेड़िया नहीं बन सकती यह बातें जनपद के अति पिछड़ा चोपन ब्लाक के पडरक्ष गांव की बेटी सुष्मिता पर सटीक बैठती है बता दे कोन तेलगुड़वा बस एसोसिएसन ने उमाशंकर की गरीबी को देखते हुए कनहर नदी पर नम्बर टेकर रख उनकोअपने जीविकोपार्जन का साधन दिया था जिस पर उमाशंकर कुशवाहा ने अपने दो बेटी व दो बेटों के साथ जीवन यापन कर रहे थे वही गरीबी व क्षेत्र में कोई अच्छी विद्यालय नही होने पर उन्होंने अपनी तीसरी सन्तान यानि सुष्मिता को एक निजी विद्यालय में दाखिला कराया इसके डाला महिला महाविद्यालय से ग्रेजुएट की बाद में वाराणसी के काशी हिंदू विश्व विद्यालय में चयन के बाद पोस्टग्रेजुएट व अन्य की पढ़ाई पूरी की वही सुष्मिता ने अपनी मंजिल की ओर बढ़ती चली गयी वही लोक सेवा आयोग द्वारा सिर्फ दो पोस्ट में अपनी स्थान बना ली और समाज शास्त्र के प्रवक्ता पद पर नियुक्ति पत्र हासिल कर ली वही उन्होंने बताया कि अभी आगे की पढ़ाई जारी रहेगी वही इनके बड़े भाई एक एच् डी ऍफ़ सी बैंक में फाइनेंस में सेल्स मैनेजर के पद पर आसीन है वही छोटा भाई मुथु गोल्ड लोन बैंक में तैनात है इस नियुक्ति से जहाँ क्षेत्र में हर्ष व्याप्त है वही गरीब परिवार व पिछड़े क्षेत्र से निकली बेटी से लोग गर्वान्वित है