जनसैलाब के आगे गांव की डगर पड़ी छोटी, शहीद के अंतिम दर्शन न मिले तो मिट्टी को किया नमन, पिता ने दी मुखाग्नि

ओम प्रकाश मिश्रा

मिर्ज़ापुर।

अंतिम दर्शन के लिए उमड़ा जनसैलाब

मिर्जापुर । जम्मू-कश्मीर के बारामुला में शहीद हुए मिर्जापुर जिले के रवि कुमार सिंह का पार्थिव शरीर गुरुवार की सुबह वाराणसी से उनके गौरा गांव पहुंचा। अंतिम यात्रा में 50 हजार से ज्यादा लोग सम्मिलित हुए। लोगों ने जगह-जगह शव यात्रा मार्ग पर पुष्पवर्षा की और शहीद के नाम के जयकारे लगाए।
वहीं पाकिस्तान के खिलाफ लोगों ने जमकर आवाज बुलंद की। गौरा मैदान में राजकीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। पिता संजय सिंह ने इकलौते पुत्र को मुखाग्नि दी। पांच किलोमीटर लंबा काफिला गांव तक पहुंचा। पुष्पवर्षा कर नम आंखों से लोगों ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। सेना के जवानों ने भी अंतिम सलामी दी।
कश्मीर के बारामुला में आतंकी हमले में शहीद हुए परमवीर रवि सिंह का पार्थिव शरीर उनके गृह जनपद मिर्जापुर में आया तो श्रद्धांजलि देने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। करीब पांच किलोमीटर लंबे काफिले के साथ अमर शहीद ने गांव गौरा में प्रवेश किया। हांथ में तिरंगा, भारत माता के जयकारे गूंजते रहे।
वहीं पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के लिए मुर्दाबाद का नारा लगता रहा। गंगा नदी में बाढ़ को देखते हुए तट से कुछ दूर रामलीला मैदान पर अंतिम संस्कार की तैयारी की गई थी।
तीन दिन से अपने इकलौते बेटे की शहादत की खबर से गमगीन माता-पिता का कलेजा बेटे का शव देख कर फट पड़ा। जिसे पाल-पोसकर बड़ा किया वह देशभक्ति के जज्बे से लबरेज 18 वर्ष की आयु में ही सेना का जवान बन गया और 25 वर्ष की आयु में ही अपनी जान भारत माता पर कुर्बान करके चला गया।
करीब दो साल पूर्व विवाह कर आई प्रियंका की तो दुनिया ही उजड़ गई। पति का शव देख कर वह बिलख पड़ी। परिवार के करुण क्रंदन से सभी की आंखें नम हो उठीं। युवाओं के कलेजे में पड़ोसी के खिलाफ भड़की आग से पाकिस्तान मुर्दाबाद गूंज उठा। देश के लिए जान कुर्बान करने की हसरत लिए लोगों ने भारत माता की जय बोल कर हम भी तैयार हैं कि आवाज बुलन्द की।
अंतिम यात्रा में हजारों की उमड़ी भीड़ के चलते गौरा गांव जाने वाली डगर छोटी पड़ गई। जो लोग भीड़ को देखते हुए उनके घर तक नहीं पहुंच पाए उन्होंने जहां तक जाने का मौका मिला, वहीं पर गौरा की पावन धरती को नमन कर लौट गए।
घर पर मचे कोहराम और जब तक सूरज चांद रहेगा, रवि तेरा नाम रहेगा और रवि सिंह अमर रहें के नारे लग रहे थे। उमड़ी भीड़ गौरा के लाल से देश के लाल बने रवि को श्रद्धांजलि देने के लिए बेताब रही। अमर शहीद के अंतिम संस्कार स्थल के साथ ही गांव के डगर भी छोटे पड़ गए।
जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल ने बताया कि परिवार की आर्थिक मदद कर दी गई है। परिवार के एक सदस्य को नौकरी और अन्य शेष कार्यों को कराया जाएगा। अंतिम यात्रा में ऊर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर पटेल, एमएलसी आशीष पटेल, विधायक राहुल कोल, नगर पालिका अध्यक्ष मनोज जायसवाल, जिलाध्यक्ष भाजपा बृजभूषण सिंह, भारतीय किसान मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री राजेश सिंह, पूर्व राज्यमंत्री कैलाश चौरसिया, मुन्नी यादव, सीडीओ अविनाश सिंह मौजूद रहे।

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