साहित्य, पत्रकारिता और पर्यटन प्रेमियों ने सिद्धनाथ की दरी में आयोजित की संगोष्टी

कहा- शासन -प्रशासन की उपेक्षा का शिकार है पर्यटन स्थल सिद्धनाथ की दरी

मिर्जापुर/सोनभद्र। विंध्याचल मंडल अंतर्गत विंध्य पर्वत श्रृंखला के इर्द-गिर्द सनातन संस्कृति के संवाहक ऋषि- मुनियों की अनेक तपस्थली और सांस्कृतिक व पौराणिक स्थलों के साथ ही जलप्रपात एवं पर्यटक स्थल लोगों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करते नहीं थक रहे हैं। इन्हीं में से मिर्जापुर जिले के शक्तेशगढ़ आश्रम के पास स्थित पर्यटन स्थल सिद्धनाथ की दरी का अवलोकन करने का अवसर रविवार को पत्रकारिता और साहित्य से जुड़े कलमकारों को मिला तो वहां पहुंचने पर सैलानियों के उमड़े जन सैलाब के साथ ही शासन प्रशासन की उपेक्षा का दंश झेल रही सिद्धनाथ की दरी का परिदृश्य देख कलमकार अचंभित और आश्चर्यचकित हो उठे।

गौरतलब हो कि पत्रकारों की राष्ट्रीय स्तर की संस्था मीडिया फोरम ऑफ इंडिया न्यास की सोनभद्र जिला इकाई और सोनभद्र के साहित्यकारों की बहुचर्चित संस्था सोन साहित्य संगम के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को कलमकारों की आयोजित गोष्ठी में हिंदी साहित्य और पत्रकारिता के साथ ही पर्यटन की बढ़ती संभावनाओं पर चिंतन मंथन किया गया। इस दौरान कवि राकेश शरण मिश्रा अपनी कई रचनाएं सुनाकर न सिर्फ लोगों को प्रभावित किया बल्कि कविता प्रेमियों को तालिया बजाने के लिए मजबूर कर दिया। फोरम के राष्ट्रीय

कार्यकारी अध्यक्ष एवं सोन साहित्य संगम के निर्देशक मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी की अध्यक्षता में संपन्न हुई गोष्ठी में पर्यटन स्थल पर शासन -प्रशासन की उपेक्षात्मक रवैया और अन्य समस्याओं पर चर्चा-ए-आम कर शासन -प्रशासन तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया। बताते चलें कि यहां प्रकृति के अलावा सरकारी तौर पर कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है।चहुंओर गंदगी और दुर्व्यवस्था का आलम है। कहने में गुरेज नहीं की शासन -प्रशासन की ओर से आने वाले सैलानियों के लिए किसी भी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। जबकि यहां देश प्रदेश सहित पूर्वांचल के विभिन्न जिलों से हजारों लोग बरसात के मौसम में बराबर आते और प्रकृति प्रदत्त हरीतिमा एवं जलप्रपात के परिदृ्ष्य का आनंद उठाते हैं। वही अव्यवस्था का आलम यह है कि यहां पार्किंग के नाम पर भी वन विभाग द्वारा सैलानियों से वसूली की जाती है। गोष्ठी में पहुंचे कलमकारों के लिए मैत्री पूर्ण भोज बाटी- -चोखा, दाल-चावल , स्वादिष्ट खीर एवं सलाद आदि का भी आयोजन शाहगंज के कलमकारों द्वारा रखा गया था। इस सुंदर व मधुर मैत्री भोज के लिए सोन साहित्य संगम के संयोजक कवि, पत्रकार एवं अधिवक्ता राकेश शरण मिश्र तथा अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी ने शाहगंज के पत्रकारों क के प्रति धन्यवाद स्थापित किया है। इस मौके पर मुख्य रूप से विशेष कर मौके पर साहित्यकार,कवि, अधिवक्ता एवं पत्रकार राकेश शरण मिश्रा, समाज सेवी एवं पत्रकार संतोष कुमार नागर, ज्ञानदास कन्नौजिया, सर्वेश कुमार श्रीवास्तव, रामानुज धर द्विवेदी, संजीव कुमार श्रीवास्तव, सेराज हुसैन, रमेश कुमार कुशवाहा, रामरूप शुक्ला, प्रमोद कुमार दुबे उर्फ बच्चा दुबे, सत्यप्रकाश मिश्रा, शिवपूजन विश्वकर्मा, राहुल पटेल, बबलू पटेल के अलावा कई अन्य लोग मौजूद रहे।

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