ओम प्रकाश मिश्रा
मीरजापुर ।
माँ विंध्यवासिनी मंदिर में बुधवार की रात उस वक्त हंगामा खड़ा हो गया जब पंडा समाज से निष्कासित व्यक्ति ने श्रृंगरिया से मारपीट करने के बाद मौके पर पहुंचे दरोगा पर ही हमला कर दिया । हमले में दरोगा के सिर पर किए गए प्रहार से वह गम्भीर रूप से घायल हो गए । करीब एक माह पूर्व भी सिरफिरे पण्डा ने हंगामा करने के साथ ही मारपीट की थी । मनबढ़ के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई न किए जाने से एक बार फिर धाम में खून के छीटें पड़े । लोगों का कहना है कि अगर ईमानदारी से दोषी के खिलाफ कार्रवाई की गई होती तो बुधवार को पुनरावृति न होती ।
माँ विंध्यवासिनी मन्दिर पर व्यवस्था करने के लिए श्री विंध्य पंडा समाज ने नियम न मानने की ज़िद पर अडे युवक को समाज से अलग कर दिया है । इसके बाद भी पण्डा समाज या जिला प्रशासन के व्यवस्था बनाये रखने के सारे कायदे कानून को ठेंगा दिखाने वाले का कृत्य जारी हैं । कानून की अवहेलना करना अपनी शान समझने वाला एक सिरदर्द बन गया । एक बार फिर विंध्यवासिनी आरती के दौरान गर्भ गृह में जबरन प्रवेश कर पूजन अर्चना में अवरोध करना रोज का काम हो गया है । बताया जाता है कि मन्दिर पर तैनात
यदि कोई पुलिस कर्मी रोके तो उसको गाली देना व बदत्तमीजी करना आरोपी के लिए आम बात हो गयी है।
कुछ साल पहले एक दरोगा अशोक तिवारी के ऊपर जलता हुआ बड़ा दीपक फेंक दिया था ।जो थाने में मामला दर्ज है ।
प्रायः श्रृंगरिया को आरती के दौरान व्यवधान डालने और पूजा से रोकने पर पुजारियों द्वारा शिकायत भी किया गया । इस पर उनके परिजनों ने आरोपी को पागल कह कर माफी मांग कर मामला रफा दफा किया था । एक माह पूर्व नियम तोड़ने की ज़िद पर पदाधिकारी व पारिवाल ने मना किया तो उनको झूठे मुकदमे में फंसाया गया । जिससे इसका मनोबल इतना बढ़ गया कि पुलिस भी उसके लिए आम दर्शनार्थी ही बन गई हैं । अभद्रता करना उसका आदत बन गया है । कानून को ठेंगा पर रखने से मन्दिर पर भय का माहौल बना दिया गया है । बुधवार को पुनः नियम की अवहेलना कर गर्भ गृह में प्रवेश करना चाहा । पुजारियो के विरोध पर गाली गलौज करने के साथ ही उन्हें मारा पीटा गया । एक सहयोगी का सिर भी फोड़ दिया। इसकी जानकारी जब आलाधिकारियों को हुआ तो पुलिस मामला सुलझाने के लिए आरोपी से बातचीत कर रही थी कि आरोपी ने पुलिस वालो को गाली गलौज देना चालू कर दिया । इस पर कस्बा इंचार्ज रविकांत मिश्रा पहुंचे तो उन पर भी हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया । उनके सिर में गंभीर चोट आयी है । आरोपी युवक को पुलिस के जवान थाने ले गए।
मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है ।
आरोपी पण्डा समाज से निकाला जा चुका है
एक माह पूर्व ऐसे कृत्योंके कारण दो लोगो को पण्डा समाज ने समाज से निकाल दिया है
किन्तु स्थानीय पुलिस के सहयोग से ये मंदिर पर जबरन प्रवेश करते है
कहि न कही स्थानीय पुलिस प्रशासन भी दोषी है
आखिर क्यों पण्डा समाज के निर्णय को नही माना गया और मौन सहमति दे कर एक नया विवाद खड़ा किया जा रहा है?
विगत दिनों आरोपी के पिता द्वारा माफीनामा स्थानीय पुलिस को देकर किया गया था सिंगारिया से समझौता
समझौते में दिमाग की दवा चलाने की बात कह माँगी गयी थी माफ़ी।