मृतक माता पिता के अकाउंट में बचे रुपए के लिए परिजन दो वर्ष से लगार रहे बैंक के चक्कर।

ओम प्रकाश मिश्रा

राजगढ़/मिर्ज़ापुर।

राजगढ़ क्षेत्र में संचालित हो रहे इंडियन बैंक (इलाहाबाद बैंक) के प्रबंधक के मनमानी व तानाशाही रवैये से मृतक खाता धारक के खाते का एक लाख पैतालीस रुपये मृतक के परिजनों को नही दिया जा रहा हैं।जिससे परेशान होकर मृतक के परिजनों ने उपजिलाधिकारी मड़िहान से बैंक प्रबन्धक की शिकायत की है।

राजगढ़ क्षेत्र में स्थित इंडियन बैंक के खाताधारक जित्तन प्रजापति व उनकी पत्नी की मौत के बाद मृतक के दोनों बेटे भवानीपुर गांव निवासी बलजीत प्रजापति, अमरजीत प्रजापति बैंक वालों से संपर्क किया और मृतक माता पिता के अकाउंट में बचे एक लाख पैतालिस हजार रुपए निकालने के बारे में जानकारी मांगी। जवाब में बैंक वालों ने उसे एक लंबी चौड़ी लिस्ट थमा दी। लिस्ट में मृत्यु प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्टर की नकल, तहसील से नोटरी, बैंक के अधिकृत अधिवक्ता से प्रमाण पत्र आदि के साथ अन्य कागजातों की मांग की गई।
बैंक की तरफ से मांगे गए कागजातों को जुटाने में दोनों पुत्रों को तीन महीने लग गए। इन सभी कागजों को लेकर वह बैंक में पहुंचा तो बैंक ने कागजातो की जांच का हवाला दे कर उन्हें वापस भेज दिया। बैंकों की लचर व्यवस्था ने जांच करने में दो वर्ष का समय लगा दिया । जिस से आहत होकर दाेनाे पुत्रों ने उप जिला अधिकारी मड़िहान को 19 जुलाई को राजगढ़ क्षेत्र में स्थित इंडियन बैंक के कार्य प्रणालियों की शिकायत की। साथ ही साथ दोनों पुत्रों ने बैंक प्रबंधक के ऊपर आरोप लगाते हुए बताया कि अब हम दोनों भाई बैंक में जाते हैं तो बैंक मैनेजर टालमटोल करते हैं। तथा हम दोनों भाइयों को बैंक से बाहर निकलवा दिया जाता है, बैंक मैनेजर मेरे पैसे को हड़पना चाहते हैं।

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