प्रयागराज-लवकुश शर्मा
हनुमानगंज-नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित वेबिनार में जेएनयू के पूर्व प्रोफेसर चमनलाल ने “भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन और भगत सिंह” पर अपना विशेष व्याख्यान दिया। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि भगत सिंह भारत और दक्षिण एशिया में युवाओं के सबसे लोकप्रिय आइकन के रुप में जाने जाते हैं।
उन्हें एक निडर और बहादुर के रूप में जाना जाता है, वे न केवल बहादुर और निडर थे, बल्कि एक क्रांतिकारी विचारक थे। यदि भगत सिंह होते तो वह न केवल ब्रिटिश उपनिवेशवाद बल्कि सामंती और पूंजीवादी शोषण की व्यवस्था को उखाड़ फेंकने के लिए देश के किसानों और श्रमिकों को संगठित करते और भारत में लोगों के वास्तविक लोकतंत्र के निर्माण में उनका मार्गदर्शन करते। भगत सिंह हमारे बीच अपने विचारों के द्वारा सदैव हमारे बीच मौजूद हैं। भगत सिंह ने “इंकलाब जिंदाबाद” का नारा दिया। जिसका अर्थ है लंबी क्रांति। प्रोफेसर चमनलाल जी ने अपने जीवन में कई कोनों से भगत सिंह की विचारधारा को उकेरने का पूरा प्रयास किया। उन्होंने अपने संबोधन में यह भी बताया कि यह सर्वविदित है कि भगत सिंह एक विद्रोही नहीं थे बल्कि एक ध्यान रखने वाले क्रांतिकारी थे जो अपने न्यायपरक विचारों के लिए जाने जाते हैं। वेबिनार में कुलाधिपति जे०एन० मिश्र ने अपने सम्बोधन में कहा कि ऐसे महत्वपूर्ण विषय पर वेबिनार सभी के लिए प्रेरक होते हैं। कुलपति डॉ० एस०सी० तिवारी ने अतिथियों का स्वागत सम्बोधन किया। संचालन एवं संयोजन डॉ० रमेश चंद्र मिश्र ने तथा धन्यवाद ज्ञापन वेबिनार के विशिष्ट अतिथि रिकी शाह ने किया।