वारणसी में वृहद वृक्षारोपण महा अभियान में पड़ाव स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति उपवन में हुआ पौधारोपण

वाराणसी से पुरुषोत्तम चतुर्वेदी की रिपोर्ट

*मंत्री डॉक्टर नीलकंठ तिवारी, मंत्री रविंद्र जायसवाल ने किया पौधारोपण

*पेड़ों से जीवनदायिनी ऑक्सीजन मिलता है, जिसके बिना कोई एक पल भी ज़िन्दा नहीं रह सकता-डॉक्टर नीलकंठ तिवारी

*भारतीय समाज में आदिकाल से ही पर्यावरण संरक्षण को महत्व दिया गया है, भारतीय संस्कृति में पेड़-पौधों को पूजा जाता है- धर्मार्थ मंत्री

*बदलते दौर के साथ लोगों का प्रकृति से रिश्ता टूटने लगा, बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए वृक्षों को काटा गया, नतीजतन जंगल खत्म हो रहे हैं और पर्यावरण के सामने संकट खड़ा हो गया- रविंद्र जायसवाल

*स्टाम्प मंत्री रविंद्र जायसवाल ने अपने स्वर्गीय माता पिता के नाम किया पौधारोपण

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉक्टर नीलकंठ तिवारी तथा स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल ने वन महोत्सव सप्ताह के अंतर्गत रविवार को वृहद वृक्षारोपण महा अभियान में पड़ाव स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति उपवन में पौधारोपण किया।
इस अवसर पर मंत्री डॉक्टर नीलकंठ तिवारी ने जीवन के लिए पर्यावरण संतुलन को अति आवश्यक बताते हुए कहा कि जब से दुनिया शुरू हुई है, तभी से इंसान और क़ुदरत के बीच गहरा रिश्ता रहा है। पेड़ों से पेट भरने के लिए फल-सब्ज़ियां और अनाज मिला। तन ढकने के लिए कपड़ा मिला। घर के लिए लकड़ी मिली। इनसे जीवनदायिनी ऑक्सीज़न भी मिलती है, जिसके बिना कोई एक पल भी ज़िन्दा नहीं रह सकता। इनसे औषधियां मिलती हैं। पेड़ इंसान की ज़रूरत हैं, उसके जीवन का आधार हैं। अमूमन सभी मज़हबों में पर्यावरण संरक्षण पर ज़ोर दिया गया है। भारतीय समाज में आदिकाल से ही पर्यावरण संरक्षण को महत्व दिया गया है। भारतीय संस्कृति में पेड़-पौधों को पूजा जाता है। विभिन्न वृक्षों में विभिन्न देवताओं का वास माना जाता है। पीपल विष्णु और कृष्ण का, वट का वृक्ष ब्रह्मा, विष्णु और कुबेर का माना जाता है, जबकि तुलसी का पौधा लक्ष्मी और विष्णु, सोम चंद्रमा का, बेल शिव का, अशोक इंद्र का, आम लक्ष्मी का, कदंब कृष्ण का, नीम शीतला और मंसा का, पलाश ब्रह्मा और गंधर्व का, गूलर विष्णू रूद्र का और तमाल कृष्ण का माना जाता है। इसके अलावा अनेक पौधे ऐसे हैं, जो पूजा-पाठ में काम आते हैं, जिनमें महुआ और सेमल आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि वराह पुराण में वृक्षों का महत्व बताते हुए कहा गया है- जो व्यक्ति एक पीपल, एक नीम, एक बड़, दस फूल वाले पौधे या बेलें, दो अनार दो नारंगी और पांच आम के वृक्ष लगाता है, वह नरक में नहीं जाएगा। उन्होंने रविदास पार्क में भी वृक्षारोपण किया।
स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल ने दो अन्य स्थानों पर भी पौधारोपण करने के पश्चात वृक्षारोपण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह हैरत और अफसोस की ही बात है कि जिस देश में, समाज में पेड़-पौधों को पूजने की प्रथा रही हैं, उसी देश में और उसी समाज में पेड़ कम हो रहे हैं। बदलते दौर के साथ लोगों का प्रकृति से रिश्ता टूटने लगा। बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए वृक्षों को काटा गया। नतीजतन जंगल खत्म हो रहे हैं और पर्यावरण के सामने संकट खड़ा हो गया। जिससे जनजीवन भी खतरे में पड़ गया हैं। उन्होंने उपस्थित लोगों से आग्रह किया कि वह अपने माता-पिता व अन्य पूर्वजों के नाम पर कम से कम एक पौधों का अवश्य लगाये। उन्होंने अपने पिता स्वर्गीय रमाशंकर जायसवाल व माता लालमणि देवी के नाम पर पौधरोपण भी किया। इससे पूर्व उन्होंने विधानसभा शहर उत्तरी के विंध्यवासिनी नगर पार्क में पौधरोपण किया।

इस अवसर पर वीडीए उपाध्यक्ष राहुल पांडेय ने भी अपने पूर्वजों के नाम पर पौधरोपण किया। तत्पश्चात आरंभ फाउंडेशन के तत्वावधान में चौकाघाट ढेलवरिया स्थित वेदांती मंदिर परिसर में भी मंत्री रविंद्र जायसवाल ने पौधरोपण किया। तत्पश्चात उन्होंने लाजपत नगर पार्क में भी पौधरोपण किया।
इस अवसर पर भाजपा महानगर महामंत्री नवीन कपूर जगदीश त्रिपाठी रामाधीन सिंह अजय सिंह एडवोकेट श्री प्रकाश शुक्ला नीरज सिंह मनोज दुबे राकेश सिंह अलगू दिलीप चौहान मनोज जायसवाल आदि उपस्थित थे।

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