अमेरिका पुलिस क्रुरता से अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के खिलाफ माकपा का प्रदर्शन।

लातेहार झारखण्ड

कैंडल जलाकर जॉर्ज फ्लॉयड को दी श्रद्धांजली, समर्थन जताया।

नस्लवाद सांम्प्रदायवाद की भेदभाव, कोविड-19 से बड़ा विषाणु है : अयुब खान

लातेहार। चंदवा। अमेरिका पुलिस क्रुरता से अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के खिलाफ माकपा ने कामता स्थित घर के दरवाजे पर कैंडल जलाकर हांथों में पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया, एक मिनट का मौन रखकर फ्लायड को श्रद्धांजलि दी गई, नस्लीय भेदभाव के खिलाफ तथा फ्लायड के इंसाफ के लिए संघर्ष कर रहे लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त किया गया, नस्लवाद सांम्प्रदायवाद का भेदभाव, कोविड-19 से बड़ा विषाणु है, अमेरिका में पुलिस की क्रुरता से मरने वाले अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड को इंसाफ दो, नस्लवाद सांम्प्रदायवाद की भेदभाव को पूरी दुनियां से समाप्त करो लिखे हुए पोस्टर हांथों में लिए हुए थे, कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे माकपा की लातेहार के पूर्व जिला सचिव अयुब खान, परवेज खान, इसराईल खान, फहमीदा बीवी ने कहा अमेरीका में 25 मई को एक श्वेत पुलिस अधिकारी डेरेक चौविन ने अपनी क्रुरता से अफ्रीकी मूल के अश्वेत नागरिक 46 वर्षीय जॉर्ज फ्लॉयड की जान ले ली है जो मानवता के खिलाफ है, पुलिस अधिकारी ने जो फ्लायड के साथ क्रुर व्यवहार किया वो खतरनाक था और उसके मन में मानव जीवन के लिए कोई परवाह नहीं थी, वहां एक काले नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस के हाथों हुई मौत का हम भारतीय मुखालफत करते हैं, साथ ही ऐसी घटनाओं को दोहराया न जाए इसके लिए ठोस कार्रवाई की मांग करता हुं, निहत्थे अश्वेत (काले) व्यक्ति जार्ज फ्लायड सांस लेने के लिए छटपटाता रहा लेकिन श्वेत (गोरे) पुलिस अधिकारी ने उसके घुटनों को नाक पर जोर से दबा दिया जिससे उसकी मौत हो गई, फ्लायड बार बार अपनी जिंदगी की भीख मांग रहा था, आसपास खड़े लोग भी उन्हें छोड़ने की मिन्नतें कर रहे थे लेकिन इसका असर श्वेत पुलिस अधिकारी पर नहीं पड़ा, हम उन सभी लोगों के साथ खड़े हैं जो ऐसे लोगों की न्याय के लिये प्रयासरत और संघर्षरत हैं, अश्वेत समुदाय और जार्ज फ्लायड की इंसाफ के लिए एकजुटता जताते हैं, नस्लीय समानता के लिए संवैधानिक लड़ाई में अपना समर्थन देते हैं, साथ ही मै उनसे कहना चाहते हैं कि वे अकेले नहीं हैं इस लड़ाई में भारत में जो भी नस्लीय समानता के पक्षधर हैं वे उनके संघर्ष में साथ हैं, उन्होंने कहा कि भारत में भी नस्लवाद सांम्प्रदायवाद का भेदभाव तथा एक दूसरे के प्रति नफरत है, जो स्वस्थ्य लोकतंत्र के लिए सही नहीं है, यहां भी नस्लीय टिप्पणियां की जाती है, इसका शिकार कुछ लोगों को होना पड़ा है, नस्लीय एवं सांम्प्रदायिक भेदभाव या नफरत के मामलों को गंभीरता से लिया जाय, और उसपर तुरंत कार्रवाई हो, दुनियां में सभी का समान दर्जा मिलने चाहिए, नस्लवाद सांम्प्रदायवाद कोविड-19 से बड़ा विषाणु है।
इस नस्लीय भेदभाव व सांम्प्रदायवाद की जहर को अविलंब रोका जाना चाहिए।

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