
मीरजापुर। भारतीय पुरातत्वविद, इतिहासकार, चित्रकार भित्तचित्रों के विशेषज्ञ पद्मश्री स्वर्गीय विष्णु श्रीधर वाकणकर का 101 वाँ जयंती संस्कार भारती के पदाधिकारियों ने सोशल डिस्टेंश के साथ अलग अलग स्थानों पर मनाया । संस्कार भारती के सदस्यों ने लॉकडाउन के कारण अपने-अपने घरों पर सादगी के साथ मनाया ।
सदस्यों ने दीप प्रज्वलित कर
उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित किया। संस्कार भारती काशी प्रांत के अध्यक्ष डा. गणेश प्रसाद अवस्थी, जिलाध्यक्ष अजिता श्रीवास्तव, राजकुमार पाहवा, गोपाल जी, कृष्ण मोहन गोस्वामी, विजय दूबे, प्रमोद गुप्ता, संतोष तिवारी आदि सदस्यों ने पुष्पांजलि अर्पित किया । डा. वाकणकर ने अपने खोज के द्वारा यह सिद्ध किया था कि आर्य बाहर से नहीं आये थे, वह भारतीय थे, यहीं के निवासी थे । उन्होने सरस्वती नदी की प्रमाणिकता भी साबित की थी ।उनके इस कार्य को न सिर्फ भारतीय विद्वानों ने अपितु विश्व के अग्रणी विद्वानों ने सराहा था । उनके इस महान कार्य के लिये भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया था ।
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