कुछ आ गयी हैं सस्ती इस कदर यहां की कौड़ियों के मोल इंसान बिकता हैं-अजय शेखर

सोनभद्र।कुछ आ गयी हैं सस्ती इस कदर यहां की कौड़ियों के मोल इंसान बिकता हैं-अजय शेखर
अमरा भगवती धाम में कवि सम्मेलन हुआ सम्पन्न

सोनभद्र। अमरा भगवती धाम में नौ दिवसीय मानस यज्ञ के पश्चात बुद्धवार को रात्रि 9बजे से शुरु हुआ अखिल भारतीय कवि सम्मेलन गुरुवार की भोर तक चला वाणी वंदना वाराणसी से आई कवयित्री विभा सिंह ने किया सभी कवियों को अंग वस्त्र प्रतीक चिन्ह देकर
सम्मानित किया गया वरिष्ठ साहित्यकार अजय शेखर की अध्यक्षता में सम्पन्न
हुये कवि सम्मेलन में उनकी कविता अब बजारों में यहां ईमान बिकता हैं रूदन की दुकान सजती गान बिकता हैं कुछ आ गयी हैं सस्ती इस कदर यहां की कौड़ियों
के मोल अब इंसान बिकता हैं तथा मैं वो साज हूं जो कहीं बजाया नहीं गया जैसी रचनाओं को श्रोताओं ने भरपूर सम्मान दिया गीतकार प्रद्युम्न तिवारी ने बतलाता इतिहास हमारा भारत जब भी हारा नहीं किसी दुश्मन के आगे अंदर के गद्दारो से काफी सराही गई वरिष्ठ साहित्यकार रामनाथ शिवेन्द्र ने हंथियार से ही होगे दिलों के फैसले तो गुगे को
चाहिए जुबान किस लिए सुनाकर आदमी की पीड़ा का चित्रण किया श्रृगार की पंक्तियों के साथ गीतकार ईश्वर विरागी ने अलसाई सी धूप फागूनी गंध कलश छलकायें नेह रंग आंखों में डाले द्वार खड़ी मुस्कायें सुन श्रोता भाव विह्लवल हो गये भोजपुरी के चर्चित गीतकार जगदीश पंथी ने विरह वेदना का चित्रण कर तोहरे बिनु जिउवा बड़ा घबराला
रात बीते ना विताये परेला सुनाकर करूण रस का संचार किये हास्यरस के धुरंधर कवियों में शुमार नर सिंह साहसी सुनील चउचक दिवाकर द्विवेदी शिव
दास जैराम सोनी ने लोगों को खूब हंसाया व शासन प्रशासन की ब्यवस्था कुरीतियों अंधविश्वास बुराइयों पर कुठाराघात रचना के माध्यम से किया वाराणसी से आई पूनम श्रीवास्तव ने होली, बसंत, फाग,रसिया गाकर वासंती रंग में लोगों को खूब मनोरंजन कर मानवता का संदेश दिया डा0 रविन्द्र कुमार जय श्री राय दिलीप सिंह दीपक प्रभात सिंह चंदेल अब्दुल हई अरूण तिवारी राधेश्याम पाल गोपाल कुशवाहा विकास वर्मा दयानंद दयालु ने भी काव्य पाठ किया संचालन
अशोक तिवारी ने किया इस अवसर पर सुरेन्द्र नाथ दूबे बच्चा यादव चन्द्रिका
यादव रामकृष्ण तिवारी ओम दूबे मोहन यादव भोला आदि लोग मौजूद रहें।

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