
संजय द्विवेदी
उत्तर प्रदेश के इस जिले में जमीन के अंदर मिला 3,000 टन सोना
खनिजों की नीलामी के लिए शुरू हुई जियो टैगिंग
22 फरवरी को शासन को सौंपेगी रिपोर्ट, तब शुरू होगी ब्लाकों की नीलामी प्रक्रिया
लखनऊ।उत्तर प्रदेश में एक ऐसा जिला है, जिसकी धरती के अंदर अरबों रुपए का सोना छुपा है। एक, दो नहीं करीब तीन हजार टन सोने का पता चला है। उत्तर प्रदेश खनिज विभाग ने सोनभद्र जिले में इतने सारे सोने के होने की पुष्टि की है। पर यह इतनी आसानी से नहीं मिलेगा। इसके खनन के लिए नीलामी प्रक्रिया के आदेश जारी कर दिए गए हैं। नीलामी से पहले चिह्नित खनिज स्थलों की जियो टैगिंग का काम चल रहा है, उसकी रिपोर्ट आने पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। सोनभद्र में दुनिया की सबसे बहुमूल्य धातु यूरेनियम के भंडार होने की संभावना है।

प्रदेश का सोनभद्र जिला खनिजों की खान है। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम 15 साल से यहां पर शोध कार्य कर रही है। जीएसआइ की टीम ने वर्ष 2005 से 2012 तक इस दिशा में काम किया था। सोने के भंडार की पुष्टि वर्ष 2012 में हुई थी। जीएसआई के अनुसार महुली क्षेत्र के सोन पहाड़ी में 2943.26 टन और कोन क्षेत्र के हरदी गांव में 646.15 किलोग्राम सोने का भंडार है। इन दोनों स्थानों से कुल तीन हजार टन सोने के अयस्क से करीब डेढ़ हजार टन सोने का खनन किया जाएगा।
भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशक रोशन जैकब ने मुख्य खनिजों की नीलामी के आदेश जारी कर दिए हैं। नीलामी से पहले, चिह्नित खनिज स्थलों की जियो टैगिंग की जा रही है। जिसके लिए सात सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। टीम, खनन निदेशक को यह रिपोर्ट 22 फरवरी को सौंपेगी। इसके बाद राज्य को जिम्मेदारी सौंपते हुए केंद्र सरकार ई-निविदा जारी करने का निर्देश देगी। निविदा को हरी झंडी मिलने के बाद खनन को अनुमति मिलेगी।
वरिष्ठ खान अधिकारी केके राय ने बताया कि, जीएसआइ की टीम लंबे समय से यहां काम कर रही थी। अब नीलामी को लेकर आदेश आ चुका है। इसी क्रम में जियो टैगिंग शुरू की गई है। जल्द ही नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जिले में यूरेनियम के भंडार का भी अनुमान है, इसके लिए केंद्रीय कुछ अन्य टीमें खोज में लगी हैं।
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के भू-भौतिकी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. रोहताश नक बताया कि, प्राकृतिक अवस्था में मिलने वाले खनिज पदार्थ जिनमें कोई धातु आदि महत्वपूर्ण तत्व हों अयस्क कहलाते हैं। अलग-अलग क्षेत्रों के अयस्क की गुणवत्ता भिन्न होती है। तीन हजार टन सोने के अयस्क में से कितना सोना निकलेगा यह उसकी गुणवत्ता पर निर्भर करेगा।
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