श्रीमदभागवत कथा में श्रीकृष्ण लीला व झांकी ने सबका मन मोहा

सोनभद्र।युवक मंगल दल सोनभद्र के तत्वावधान में घोरावल ब्लॉक के ग्राम सरौली में डीह बाबा मंदिर प्रांगण में पंचम दिवस की कथा में नंद बाबा के यहां भगवान श्री कृष्ण जी के जन्मोत्सव का आनंद लेते हुए उनकी बाल लीलाओं की कथा सुनाई गई व जिस योगमाया को कंस अपना काल समझ कर पत्थर पर पटक कर मरना चाहता था।

वह बालिका आकाश मार्ग में उड़ गई व अष्टभुजा रूप में विंध्य क्षेत्र में विंध्याचली भवानी के नाम से प्रतिष्ठित हुईं और कंस को चेतावनी दी कि तुझे मारने वाला अन्यत्र जन्म ले चुका है। कथा में विंध्याचली भवानी का वर्णन करते हुए झांकी के माध्यम से भी माता के अष्टभुजा स्वरूप का सिंह सहित दृश्य दिखाया गया। कथा व्यास बाल व्यास आराधना शास्त्री जी ने कहा कि जब ब्रह्म भी सगुण रूप धारण कर पृथ्वी पर अवतरित हुए तो उन्हें भी अनेक कष्टों का सामना करना पड़ा और हम सब तो साधारण मानव हैं दुःखों से घबड़ा कर ईश्वर की सत्ता से हमारा विश्वास उठ जाता है परंतु कथा मात्र सुनने से कोई लाभ नहीं है बल्कि उसे सुन कर जीवन मे उतारना भी चाहिए। जब सुनेंगे, मनन करेंगे और जीवन मे धारण करेंगे तभी कथा सुनने की सार्थकता है और कथा में ही यह सभी बातें पता चलती है।

श्री कृष्ण जी की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए व्यास जी ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण जी भी जन्म से ही कंस के भेजे हुए असुरों से संघर्ष करते रहे फिर हम सब तो साधारण मानव हैं। माखन चोरी की लीला व कथा सुन सबने आनंद लिया और श्री कृष्ण जी व ग्वाल बाल बने हुए बच्चों द्वारा भक्तों को माखन का प्रसाद भी दिया गया। ईश्वर सदैव भक्तों का कल्याण ही चाहते हैं और वही सोचते भी हैं, इसी तथ्य पर भगवान श्री कृष्ण जी ने कालीदह से कालिय नाग को रमणकद्वीप भेज दिया। झांकियों के माध्यम से कालियमानमर्दन व भगवान श्री कृष्ण जी द्वारा श्री गोवर्धन पर्वत धारण की कथा सुनाई गई। यज्ञाचार्य पं0 श्री सौरभ कुमार भारद्वाज जी ने अपनी ओजमयी वाणी से सबको प्रोत्साहित किया कि सभी भक्तगण सदैव इसी प्रकार भगवान की भक्ति से ओतप्रोत रहें । षष्ठम दिवस की कथा के विषय मे व्यास जी ने बताया कि वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कल भगवान श्री कृष्ण जी का विवाह माता रुक्मिणी से सम्पन्न कराया जाएगा एवं सभी विवाहित दंपत्तियों को सपत्नीक भगवान के विवाह में सम्मिलित होना है। पूरी कथा के दौरान कथा पण्डाल भक्तिमय रहा व भगवान के जयकारों से गुंजायमान होता रहा।मुख्य यजमान प्रेमनाथ उपाध्याय,मुनिव्यास गिरी,कृपाशंकर पटेल,रामायण यादव के द्वारा विधि-विधान से पूजन किया गया।कथा के पश्चात बड़हर/अगोरी के राजकुमार कुँवर अभ्युदय ब्रम्ह,राजकुमार देवेश कांत सिंह जी,गुप्तकाशी सेवा ट्रस्ट के संस्थापक रवि प्रकाश चौबे,संरक्षक राजकुमार यादव द्वारा भगवान की आरती की गई।प्रसाद की व्यवस्था संजय मिश्रा जी के द्वारा की गई।संगठन के जिलाध्यक्ष सौरभ कांत पति तिवारी ने कार्यक्रम में आगमन के लिए सभी अतिथियों व क्षेत्रवासियों के प्रति आभार व्यक्त किया।उन्होंने कहा कि कथा के आख़िरी दिन लीला झांकी में प्रतिभाग कर रहे गांव के बच्चों को जनपद के लोकप्रिय पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर समान्नित किया जाएगा।उक्त अवसर पर स्नातक जनसेवा समिति के उमाकांत द्विवेदी,अरविंद चौबे,अजीत,जिलामंत्री व मुख्य आयोजक युवक मंगल दल के जिलाध्यक्ष श्री सौरभ कांत पति तिवारी, जिलामंत्री मनोज कुमार दीक्षित,अजित पटेल,नीतीश कुमार चतुर्वेदी,आलोक मिश्रा,छविनाथ पटेल,मुकेश द्विवेदी,रवि यादव,योगेश पाठक,विनय मिश्रा,देवेंद्र पाठक,बनारसी पाण्डेय,सुभाष दीक्षित आदि लोग उपस्थित रहे।

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