चुनाव के बीच नक्सलियों ने बड़ी घटना को दिया अंजाम, एएसआइ समेत होमगार्ड के चार जवान शहीद

ओम प्रकाश रावत ।
झारखंड के लातेहार जिले के चंदवा थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने बड़ी वारदात को अंजाम दिया. एनएच-22 पर शुक्रवार देर शाम नक्सलियों के हमले में झारखंड पुलिस के एक एएसआइ और होमगार्ड के चार जवान शहीद हो गये. विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच नक्सलियों ने इस कार्रवाई को अंजाम देकर पुलिस-प्रशासन को खुली चुनौती दी है. नक्सलियों के हमले में शहीद एसआइ का नाम सुकिया उरांव है. वह गुमला जिले घाघरा के रहनेवाले थे. घटना थाना से महज दो किलोमीटर की दूरी पर रुकइया मोड़ पर हुई है
*पीसीआर वैन पर हुआ हमला*
जानकारी के अनुसार, पीसीआर वैन में गश्ती कर रहे चारों सिपाही रुकइया मोड़ पर रुके थे. इसी बीच रात करीब आठ बजे 15-20 नक्सलियों ने वैन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. जवानों की तरफ से भी जवाबी फायरिंग की गयी. नक्सलियों की ओर से 50 से 60 राउंड फायरिंग हुई. करीब आधे घंटे से अधिक वक्त तक मुठभेड़ के बाद पुलिस को भारी पड़ता देख नक्सली भाग निकले. बताया जा रहा है कि पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई गोलीबारी में तीन-चार नक्सलियों को भी गोली लगी है लेकिन अंधेरे का फायदा उठाते हुए नक्सली उसे अपने साथ लेकर भागने में सफल रहे. घटनास्थल पर सुरक्षा बल को भेजा गया है. सुरक्षाबलों के द्वारा पूरे इलाके में सर्च अभियान चलाया जा रहा है._
*ये हुए शहीद*
शहीदों में एएसआइ सुकिया उरांव, होमगार्ड दिनेश राम, सिकंदर सिंह और ड्राइवर जमुना प्रसाद शामिल हैं. घायल जवान शंभू प्रसाद गंभीर रूप से घायल हुए थे. उन्हें बेहतर इलाज के रांची भेजा गया. पर रास्ते में ही उनकी मौत हो गयी._
*तीन-चार नक्सलियों को भी लगी गोली*
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, लोहरदगा और लातेहार सीमा पर यह मुठभेड़ भाकपा माओवादी के रीजनल कमेटी सदस्य रविंद्र गंझू के दस्ते के साथ हुई. 15 लाख के इनामी रविंद्र ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लातेहार-लोहरदगा जिले की सीमा पर सक्रियता बढ़ा दी थी. अनुमान लगया जा रहा है कि नक्सलियों ने रेकी कर घटना को अंजाम दिया है._
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास औऱ देश के गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी चुनावी रैलियों में झारखंड को नक्सल मुक्त बताया था. उन्होंने कहा था कि नक्सलवाद तेजी से समाप्त हुआ है. जबकि चुनाव आयोग ने कहा है कि राज्य के 19 जिले नक्सल प्रभावित हैं और 13 जिले अति नक्सल प्रभावित हैं._

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