विन्ध्य धाम में अष्टमी पर सात लाख भक्तों ने टेका मत्था

मिर्जापुर से रामलाल साहनी की रिपोर्ट

विन्ध्याचल ।माँ विन्ध्यवासिनी के धाम में शारदीय नवरात्रि मेले के अष्टमी तिथि के अवसर पर मंगला आरती से देर रात तक बड़ी आस्था और श्रद्धा पूर्वक सात लाख भक्तों ने हाथ में चुनरी,नारियल,प्रसाद लेकर पंक्ति में खड़े होकर माँ के चरणों मे पहुंच कर मत्था टेक सुख समृद्धि की कामना की।
बताते चले कि विन्ध्याचल शनिवार की रात्रि से ही भक्तों का विन्ध्य धाम में अपने निजी वाहनों और ट्रेन तथा अन्य साधनों से आ गए थे जिससे विन्ध्य धाम की सभी वाहन स्टैंड और और होटल तथा गेस्ट हाउस भर गए थे।जिसे गेस्ट हाउस और अतिथि भवन या होटल नहीं मिला वह जहां तहां जगह-जगह अपने परिवार के साथ रात्रि व्यतीत करने के बाद प्रातःकाल से ही माँ के दर्शन के लिए पंक्ति में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे तो पंक्ति में 5 बजे से खड़े भक्त भीड़ अधिक होने के कारण सुबह 10 से 11 बजे तक तो 3 से 4 बजे तक माँ का दीदार पाकर धन्य हो रहे थे।

*मंगला आरती के समय लग भयंकर भीड़ तो वही मंगला आरती में बड़ी आस्था पूर्वक भक्त घंटी,घड़ी घंटाल,ढोलक,शहनाई के साथ आरती हुआ तो भक्त बड़े ही भक्ति भाव मे तल्लीन होकर के पहले माँ की आरती “जग जननी जय जय माँ जग जननी जय जय की आरती पढ़ कर फिर “जय माँ दुर्गा जय माँ तारा दया माई कल्याण करों” गीत गाकर कर माँ के चरणों में मत्था टेकने का शिलशिला प्रारम्भ हुआ और देर रात तक बड़ी आरती तक चलता रहा।जिसमें 7 लाख

भक्तों ने मत्था टेका।

मंदिर में सुबह से देर रात तक घंटे की आवाज से माहौल भक्तिमय रहा तो वही गलियों में माँ का जयजयकार से पूरा विन्ध्य धाम भक्तिमय हो रहा था सभी गलियों में भक्तों के खचाखच भरे रहने से दुकानदारों के चेहरे पर मुस्कान देखा गया तो वही भक्तों ने सभी गलियों को जयजयकार से गुलजार कर रहे थे।

विन्ध्याचल अष्टमी पर मेले की कुछ झलिकयां
1-मंदिर परिसर में भीड़ बढ़ने की वजह से जगह-जगह यात्री चक्कर खा कर गिर रहे थे। बिहार से आये जनार्दन यादव गस्त खाकर गिर पड़े।
2-मेले में मंदिर से जयपुरिया धर्मशाला होते हुए सुगन्धि देवी से पुरानी वी. आई.पी.रोड होते हुए रामजानकी मंदिर के आगे तक श्रद्धालुओं का लंबी कतार लगा रहा।
3-नई वी. आई.पी.रोड पर नीचे बंगाली चौराहा तक लगी भक्तों की लंबी कतार।
4-सुबह भीड़ बढ़ने से पुरानी वी.आई.पी. मार्ग को बंद कर दिया गया। जिससे यात्रियों और पुलिस प्रशासन तथा तीर्थ पुरोहित और पुलिस के बीच गहमागहमी देखा गया।
5- फलाहार दुकानों पर भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिला।
6- पूजा सामग्री हवन वगैरा दुकानों पर भी भक्तों की लंबी कतार देखी गई तो वही दुकानदार भी अपने पूरे सक्रियता से दुकान पर हाथ पैर चलाते देखे गए।
7- फल की दुकानों पर भी शाम तक सभी फल बेचे जा चुके थे आज सुबह से लेकर देर रात तक सभी दुकानदार बिक्री करते हुए देखे गए।
8-हवन कुंड का एक तरफ का गेट बंद कर दिया गए था जिससे यात्री हवन कुंड से सीधे वी. आई.पी.पंक्ति में खड़े हो जा रहे थे कुछ लोगों के कहने पर एक बार एक गेट को खोला गया और फिर से अव्यवस्था बढ़ते देख फिर से उसे बन्द कर दिया गया।
9-वी. वी. आई.पी. के लोगों के दर्शन पूजन से आम दर्शनार्थी बहुत देर तक पंक्ति में खड़े होकर कभी पंडा समाज को तो कभी पुलिस को कोशते देखे गए।
10-अष्टमी में अधिकतर वी.वी.आई.पी.लोगों ने दर्शन पूजन किया।वी. वी. आई.पी.लोगों की वजह से मंदिर व्यवस्था बार-बार ध्वस्त होते हुए नज़र आया।
11-मंदिर में बार बार पंक्ति में आगे बढ़ने को लेकर पुलिस और दर्शनार्थियों में नोक-झोंक होता रहा।
12-मंदिर के सातों गलियों में श्रद्धालुओं से खचाखच भरा रहा। जिसकी वजह से मंदिर परिसर काबिल सुबह से लेकर देर रात तक खाली नहीं हो सका था
13- मेले में भारी भीड़ के कारण पुलिसकर्मी और तीर्थ पुरोहितगण मंदिर परिसर में ड्यूटी के दौरान पसीना बहाते रहे।
14- मेले में गंगा घाटों पर गंगा का जलस्तर घटने की वजह से गंगा घाटों पर फिसलन और दलदल होने की वजह से स्नानार्थी फिसलते हुए गंगा स्नान करते रहे।
15- त्रिकोण यात्रियों का संख्या में वृद्धि लेकिन त्रिकोण मार्ग में जगह-जगह अंधकार देखने को मिला प्रकाश का समुचित व्यवस्था इस नवरात्रि में नहीं किया गया था।
16- झांकी दर्शन के लिए यात्रियों को खूब धक्का-मुक्की सहना पड़ा।
18- मुख्य द्वार पर भक्त भयंकर भीड़ में धक्का-मुक्की करते हुए मां का जय जयकारा लगाते हुए तथा घंटी बजाकर मां के चरणों में माथा टेक रहे थे।
19- गर्भ गृह के बगल की गेट पर भी भक्तों का सैलाब देखने को मिला।
20- जब 12:00 बजा दो गर्भगृह का कपाट बंद होते होते बहुत ही तेजी के साथ पुलिस प्रशासन और श्री बिन्द पंडा समाज के लोगों ने सक्रियता दिखाते हुए यात्रियों को जल्दी-जल्दी दर्शन करा के देखे गए।
21- अधिक भीड़ की वजह से जगह-जगह व्यवस्था को लेकर पुलिसकर्मियों तथा दर्शनार्थियों एवं तीर्थ पुरोहितों के बीच नोकझोंक दिनभर चलता रहा।
22- मेला क्षेत्र के सभी प्वाइंटों पर डेढ़ सौ जवानों निस्वार्थ भाव से मां के भक्तों की सेवा भाव में लगे रहे और अपनी ड्यूटी को बखूबी अंजाम देते रहे।
23- रोडवेज पर रोडवेज की बसे ना आने की वजह से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
24- विन्ध्याचल स्टेशन परिसर में तथा प्रतीक्षालय में एवं प्लेटफॉर्म पर भक्तों का सैलाब रुक कर खाना बनाते हुए और अपनी ट्रेन का इंतजार करते हुए देखा गया।
25- कड़ी धूप में और इस उमस भरी दिन में मां के भक्त लंबी लंबी लाइन में लगकर मां के भक्त मां के दर्शन की एक झलक पाने के लिए बेचैन देखे गए।
26- मां की मंदिर का कपाट बंद होते ही बड़ी लंबी लाइन लगने की वजह से भक्त जहां खड़े थे वहीं पर बैठकर मां का गुणगान और जय जय कार लगाते रहे।
27- बरतर तिराहा पर स्थानीय लोगों को और दर्शनार्थियों के वाहनों को ना अंदर आने दे रहे थे और ना बाहर जाने दे रहे थे जिसकी वजह से वाहनों की काफी लंबी जाम लग गया था।
28- सभी वाहन स्टैंड वाहनों से भरे रहें, गेस्ट हाउसों और अतिथि भवनों में दर्शनार्थियों से भरा पड़ा रहा।
29-गंगा घाट पर पक्का घाट पर एक युवक अचानक बाहर आकर तैरने की कोशिश करने लगा और देखते ही देखते डूबने लगा इसी बीच गोताखोरों ने खुद कर उसकी जान बचाई।
30-नौ दिन व्रत रखने वाले पुरोहित नवमी लगते ही हवन पूजन कर घर लौटने की तैयारी करने लगे थे।
31-शाम से कुंवारी पूजा करना शुरू हो गया था।
32-खबर लिखे जाने तक भीड़ थोड़ा कम हो गया था।

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