झील का पानी खुलवाने की मांग ग्रामीणों ने की

पिछले दिनों मछली मारने के विवाद में 5 लोग हुए थे गिरफ्ता

भेलसर(अयोध्या)।रूदौली तहसील के आधा दर्जन गांव के सैकड़ों लोगों ने उपजिलाधिकारी से मिलकर कई गांव में पहुंचे कटिहार झील का पानी निकलवाने की मांग की है। ग्रामीणों ने कटिहार झील के बह रहे पानी को पट्टेदार पर रोकने की शिकायत कर खुलवाने की मांग है।
जानकारी के अनुसार बीते एक सप्ताह से रुक-रुक कर हो रही बारिश से तहसील क्षेत्र की कटिहार झील में पानी उफना गया है।कटिहार झील का पट्टा तहसील से मत्स्य पालन के लिए कई वर्ष पूर्व किया जा चुका है।कई वर्षों से बरसात न होने की वजह से कटिहार झील में पानी नहीं रहता था।कटिहार झील से निकलने वाला पानी मार्गो पर बनी पुलिया से होकर दशरथमऊ,रहिमगंज निकल जाता था।कटिहार झील के किनारे बसे भिटौरा,लौटनबाग़,कटिहार पुरवा,देवकहा का पुरवा, रोजागांव इस झील से प्रभावित है।झील का पानी निकलने के लिए बनी पुलिया में मछली बहने से रोकने के लिए स्थाई रूप से पट्टेदार ने बहुत छोटी जाली लगा दी है।ग्रामीणों का आरोप है की सभी गांव की रोड के किनारे बनी पुलिया पर लगाई गई छोटी जाली से नही निकल पा रहा है। झील का पानी पुलिया से निकलकर दूसरे गांव की तरफ नहीं जा पा रहा इस वजह से झील का पानी गांव में पहुंच गया है।सड़कें कट गई हैं गांव में पानी को लेकर 3 दिन पहले अफवाह फैलाने के आरोप में 5 लोगों को जेल भेजा जा चुका है।ग्रामीणों ने एसडीएम ने कहा है कि गांव में आया झील का पानी पुलिया में अवरोध होने की वजह से निकल नही पा रहा है।ग्रामीणों और किसानों को आने जाने के लिए घुटने भर पानी से होकर जाना पड़ रहा है।जिसमें कई बच्चे,महिलाएं व् वृद्ध गिरकर चोट खा चुके हैं।सैकड़ों बीघा जमीन पर लगी धान की फसल नष्ट हो गई है।संक्रामक बीमारी फैलने की आशंका बढ़ गई है।चारे की समस्या पैदा हो गई है जानवर भूखे रहने को विवश है।झील का पट्टा पाए लोगों ने अपने अपने स्थाई अवरोध को हटाने से इंकार कर दिया है।जिससे ग्रामीणों,किसानो में आक्रोश व्याप्त है।एसडीएम विपिन सिंह ने बताया कि भिटौरा गांव सहित आसपास के गांव में बरसात के पानी के जलभराव होने और जल निकासी के लिए मार्गों पर किए गए अवरोध को हटाए जाने का मांग पत्र ग्रामीणों ने दिया है।तहसीलदार को भेजकर समस्या के समाधान कराने के निर्देश दिए गए है।इस अवसर पर ग्राम प्रधान मोहनलाल,लक्ष्मी प्रसाद,रामेश्वर यादव,शिवप्रसाद,संतराम,शेर बहादुर,रामअचल,इम्तियाज अली सहित सैकड़ों किसान मौजूद रहे।

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