मिर्जापुर। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम टीम के काम में स्वास्थ्य विभाग द्वारा बढ़ोत्तरी कर दी गई है। जिसके लिए सीएमओ कार्यालय स्थित विवेकानन्द सभागार में आरबीएसके टीम को प्रशिक्षित किया गया।
मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ ओपी तिवारी ने बताया कि आरबीएसके टीम को अब बच्चों में टीबी और कुष्ठ जैसी गम्भीर बीमारियों की भी स्क्रीनिंग करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दिया गया है। जिन बच्चों में इन रोगों के लक्षण मिलेगे, उन्हें संबधित सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर निःशुल्क इलाज मुहैया कराने का कार्य किया जायेगा।
शुक्रवार को सीएमओ कार्यालय स्थित सभागार में इस नये जिम्मेदारियों के विषय में प्रशिक्षण कराया गया। स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत काम करने वाली टीमें शुन्य से 18 साल तक के बच्चों में जन्मजात दोषो का स्क्रीनिंग का कार्य किया जाता रहा है। इसके लिए विभाग द्वारा स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में प्रतिवर्ष कैंप भी लगवाने का कार्य कराया जा रहा है। वहां से जो बच्चे जन्मजात दोर्षो से ग्रसित मिलते है उनके इलाज के लिए संबधित सामुदायिक /प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर भेजे जाने का कार्य किया जाता है। बीमारी के अनुसार बच्चों का इलाज किया जाता है। आवश्यता पड़ाने पर बच्चों को जनपद के बाहर के अस्पतालों में भी भेजने का कार्य विभाग द्वारा किया जा रहा है।
आरबीएसके टीम के डाॅ0 बी0डी0 त्रिपाठी ने बताया कि अभी तक आर0बी0एस0के0 टीम द्वारा 38 बीमारियों की स्क्रीनिंग किया जा रहा था लेकिन अब नई जिम्मेदारी मिलने से अब 40 बीमारियों की स्क्रीनिंग करनी पड़ेगी। जिसमें टीबी और कुष्ठ रोग को भी अब शामिल किया जा रहा है।
सीएमओ सभागार में जनपद के बारह विकासखण्डों में कार्यरत आरबीएसके टीमों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कराया गया। जिसमें टीम को टीबी और कुष्ठ जैसी बीमारियों से ग्रसित होने वाले बच्चों के परीक्षण करने के विषय में विस्तारपूर्वक जानकारी दिया गया।
सभागार में जिला क्षय रोग अधिकारी डा0 एल0एस0 मिश्र ने टीम को टीबी रोग व कुष्ठ रोग के डाॅ आर0पी0 मिश्र ने कुष्ठ रोगियों की जांच सम्बन्धी जांच के विषय में प्रशिक्षित करने का कार्य किया।