बाल सुपोषण उत्सव में शामिल बच्चों ने किया सामूहिक भोज

उत्तर प्रदेश

आयोजन

· अब हर महीने मनाया जायेगा सुपोषण उत्सव कार्यक्रम

· 2668 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर मनाया बाल सुपोषण उत्सव

मिर्जापुर।जिले के सभी 2668 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बाल सुपोषण उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के तहत 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों को सामूहिक रूप से एक स्थान पर बैठाकर पोष्टिक भोजन कराया गया। खाना कार्यक्रम में आने वाले बच्चों की माताएं अपने घरों से लेकर आयी हुयी थी। इसके साथ ही बच्चों की माताओं को सही पोषण के बारे में विस्तारपूर्वक बताया व समझाया गया। इसके अलावा उनको सुपोषण के प्रति प्रोत्साहित किया गया।

जिला कार्यक्रम अधिकारी पी0के0 सिंह ने बताया कि जनपद के सभी 2668 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर एक साथ बाल सुपोषण उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पोषण माह के अंतर्गत आयोजित सुपोषण उत्सव कार्यक्रम में बाल विकास परियोजना अधिकारियों, मुख्य सेविकाओं तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बच्चों को स्वादिष्ट भोजन कराने की सलाह व परामर्श देने का कार्य किया गया। बच्चों के साथ कार्यक्रम में उपस्थित माताओं को बताया गया कि सर्वागीण विकास में जीवन के पहले एक हजार दिनों का अत्यधिक महत्व होता है। इनमें गर्भ के दिन भी शामिल है। माताओं को बताया गया कि बच्चों को कुपोषण छह माह से दो वर्ष के मध्य ही अपनी चपेट में लेता है। इसका बड़ा कारण यह है कि केवल छह माह तक बच्चे को अपनी मां के दूध से जरूरत का पूर्ण आहार प्राप्त हो पाता है। छह माह के बाद जब बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास तेजी से होता है तो पोषण की जरूरत बढ़ जाती है। इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि बच्चे को उपरी आहार दिया जाना जरूरी है। दिन में किातनी बार और कितनी मात्रा में उपरी आहर दिया जाना जरूरी है इस बात की भी जानकारी विस्तारपूर्वक दिया गया।

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि इस कार्यक्रम का एक मात्र उद्देश्य पूरक पोषाहार के उचित व्यवहार को बढ़ावा देना है ताकि बच्चे कुपोषण से मुक्त हो सके। कार्यक्रम के दौरा गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच एवं उचित खान-पान पर विशेष ध्यान देने का परामर्श दिया गया। जिससे बच्चे को मां के पेट में जरूरी आहार मिलता रहे। अब हर महीने सुपोषण उत्सव का आयोजन किया जायेगा। बचपन दिवस, लाडली दिवस और अन्नप्रशासन दिवस को बाल सुपोषण उत्सव के रूप में मनाया जायेगा। सामूहिक भोजन कराने का एक मात्र उद्देश्य है कि बच्चे अपने साथ के बच्चों के साथ बैठकर अच्छे से खाना खा लेते है और धीरे-धीरे उन्हे पौष्टिक आहार की आदत हो जाती है इस कार्यक्रम में माताओं को अपने अनुभव साझा करने का मौाका भी मिलता है।

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