
सोनभद्र।ऊर्जा निगमों में अभियन्ताओं को दिये गये दण्ड के आदेश, विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाहियो को तत्काल निरस्त करने, उत्पीड़नात्मक एवं डराने वाली कार्यशैली बन्द करने तथा विभागीय चयन समिति की बैठक तत्काल सम्पन्न कराने की मांग की।ऊर्जा निगमों से कन्सलटेंटों/सलाहकारों एवं कलेक्शन कम्पनी को हटाया जाये: अभियन्ताओ की ज्वलन्त समस्याओं पर निर्णायक संघर्ष के लिए बिजली अभियन्ताओं का प्रदेशव्यापी आन्दोलन और तीव्र: 28 अगस्त को सायं 04 बजे से विरोध सभा/सत्याग्रह, 29 अगस्त से सायं 03 बजे से विरोध सभा/सत्याग्रह:
ऊर्जा निगम प्रबन्धन द्वारा बिजली अभियन्ताओं को मनमाने ढंग से दिये गये दण्ड आदेश निरस्त न करने, वृहद् स्तर पर उत्पीड़न करने, अत्यधिक दबाव डालने, मीटिंगों/समीक्षाओं में उलझाकर धरातल पर कार्य करने हेतु समय न दिये जाने, अभियन्ताओं को मशीन की तरह उपयोग करने, उनका व्यक्तिगत एवं पारिवारिक जीवन नष्ट करने, हर मामले में अभियन्ताओं को जिम्मेदार ठहराने एवं उन्हें दण्डित करने, अभियन्ताओं का प्रमोशन रोकने की हठधर्मिता, तकनीकी कार्यों को पूर्ण करने हेतु उलूल-जुलूल आदेश देने, ऊर्जा निगमों में चल रही नकारात्मक कार्य प्रणाली से परेशान होने समेत तमाम समस्याओं से आहत एवं आक्रोशित बिजली अभियन्ताओं ने आज से पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन कर ऊर्जा निगम प्रबन्धन के प्रति आक्रोश व्यक्त किया। बिजली अभियन्ताओं ने आज सैकड़ों की संख्या में अनपरा, ओबरा, हरदुआगंज, पनकी, पारीछा ताप विद्युत गृह, पिपरी जल विद्युत गृह, गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ, मुरादाबाद, रामपुर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलन्दशहर, अलीगढ़, आगरा, मथुरा, कानपुर, बांदा, चित्रकूट, इलाहाबाद, वाराणसी, मिर्जापुर, गोरखपुर, आजमगढ़, जौनपुर, बरेली, पीलीभीत, गोण्डा, फैजाबाद आदि प्रदेश के समस्त जिलों एवं विद्युत गृहों में सम्पन्न विरोध सभाओं में सैकड़ों की संख्या में अभियन्ता उपस्थित हुए। लखनऊ में शक्ति भवन पर विरोध सभा हुई जिसमें सैकड़ों की संख्या में अभियन्ता सम्मिलित हुए। विदित हो कि उत्पादन निगम के कई अभियन्ताओं पर कतिपय प्रकरणों में वर्तमान प्रबन्धन द्वारा मनमाने ढंग से निर्दोष अभियन्ताओं को वृहद आर्थिक दण्ड दिये गये हैं जिनको निरस्त करने की मांग की जा रही है। विरोध सभा में बिजली अभियन्ताओं ने मांग की कि सभी दण्डादेश निरस्त किये जायें, तत्काल डी0पी0सी0 की बैठक बुलाई जाये, पदोन्नति नियमावली में बदलाव की कोशिशें बन्द की जायें, मनमानेपन, डराने एवं परेशान करने वाली नकारात्मक कार्यशैली समाप्त की जाये। बिजली अभियन्ताओं ने सरकार से ऊर्जा निगमों में प्रबन्धन के मनमानेपन को रोकने, सभी बिजली अभियन्ताओं को दण्डित करने की नीति समाप्त करने हेतु हस्तक्षेप करने की अपील की जिससे ऊर्जा क्षेत्र में औद्योगिक शान्ति बनी रहे। पदाधिकारियों ने बताया कि कल से पूरे प्रदेश में काली पट्टी बांधकर विरोध किया जायेगा एवं सायं 04ः00 बजे विरोध सभा होगी तथा दिनांक 29.08.2019 से पूरे प्रदेश में काली पट्टी बांधकर विरोध एवं सायं 03ः00 बजे से विरोध सभा एवं सत्याग्रह किया जायेगा।
विद्युत अभियन्ता संघ के अध्यक्ष जी0के0 मिश्रा एवं महासचिव राजीव सिंह ने कहा कि बिजली अभियन्ता तमाम विपरीत परिस्थतियों, मैन, मैटीरियल एवं मनी की कमी के बावजूद सीमित संसाधनों में 20-20 घण्टे पूर्ण मनोयोग से कार्य कर रहे हैं परन्तु प्रबन्धन द्वारा अपनी विफलतायें छुपाने के लिए उन्हें निकम्मा एवं नकारा कहकर अपमानित किया जा रहा है। प्रबन्धन अभियन्ताओं को उनका जायज प्रमोशन न देने पर अड़ा है। प्रबन्धन ने लगभग सभी अभियन्ताओं को दण्डित करने का अभियान चला रखा है, जिससे उनकी चरित्र पंजिका खराब हो एवं उनका प्रमोशन रोका जा सके। वर्तमान में सभी ऊर्जा निगमों में नकारात्मकता, मनमानेपन, स्वेच्छाचारिता एवं भयादोहन का बोलबाला है, भय का वातावरण पैदा कर दिया गया है जिससे प्रत्येक अभियन्ता भयाक्रान्त है, अभियन्ताओं का हर दर्जे का उत्पीड़न किया जा रहा है, प्रबन्धन द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि प्रत्येक अभियन्ता दण्डित एवं प्रताड़ित रहे। अनुभवी एवं विशेषज्ञ अभियन्ताओं के ज्ञान एवं उनके अनुभवों का मजाक बनाया जा रहा है। प्रबन्धन द्वारा मैन-मेटीरियल की मांग करने वाले अभियन्ताओं को दण्डित कर उनका मनोबल तोड़ने की कार्यवाही की जा रही है। समस्त निर्देश मौखिक रूप से दिये जा रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि प्रबन्धन द्वारा पदोन्नति नियमावली में तमाम बदलाव किये जाने की कोशिशें की जा रही हैं जिससे मनमानापन किया जा सके, पदोन्नतियां न्यायालय में चैलंेज हो जाये तथा सबकी पदान्नतियां रूक जायें। इसके अतिरिक्त तमाम फर्जी शिकायतों पर शासनादेशों के प्राविधानों का पालन न कर मनमाने ढंग से अभियन्ताओं की जांच शुरू कर दी जा रही है। ऐसी नकारात्मक कार्य प्रणाली से ऊर्जा निगमों में कार्य का माहौल बहुत ही खराब हो गया है, प्रत्येक अभियन्ता मायूस, डरा हुआ एवं आक्रोशित है।यह सब ऊर्जा निगमों के हित में नहीं है। ऊर्जा निगमों में भय का वातावरण बनाने, चाटुकारिता की संस्कृति पनपने से अभियन्ताओं के उत्पीड़न/भयादोहन/मानसिक तनाव बढ़ाने वाली/मनोबल तोड़ने वाली/कार्य क्षमता प्रभावित करने वाली ही साबित होंगी जिससे अन्ततः उ0प्र0 के ऊर्जा क्षेत्र का जबरदस्त नुकसान होगा।
लखनऊ मंे शक्ति भवन पर हुई विरोध सभा में मुख्यतया राम प्रकाश, एच0आर0 सिंह, ए0एन0 सिंह, सी0वी0एस0 गौतम, अजय मिश्रा, पी0के0 पाण्डेय, आर0आर0 प्रसाद, विजय गुप्ता, जटाशंकर मिश्रा, संदीप राठौर, ए0के0 चैरसिया, अजय द्विवेदी, अंकुर भारद्वाज, अखिलेश सिंह, संदीप अग्रवाल, राहुल सिंह, शिवम् त्रिपाठी, के0के0 वर्मा, आलोक श्रीवास्तव, शशांक चैधरी, पी0के0 सिंह, आर0एस0 जायसवाल, प्रवीण कुमार, एस0पी0 यादव, संजय गुप्ता, आशीष कुमार, अनुराग माथुर, एन0के0 गुप्ता, विजय राज सिंह, भरत सिंह, अनुराग वर्मा, केशव देव, एस0पी0 सिंह, डी0के0 सिंह, अंकित कुमार, अंकित द्विवेदी, तौकीर अहमद, के0के0 यादव, बृजेश कुमार,, लाल सिंह, संतोष यादव, पंकज अग्रवाल, विजय तिवारी, पुष्कर सिंह, रजनीश श्रीवास्तव आदि सैकड़ों की संख्या में उपस्थित रहे।
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