डीएम और अपर श्रमायुक्त को भेजा पत्र
श्रमिकों की समस्या का हो लोकतांत्रिक समाधान
ओबरा, सोनभद्र 27 अगस्त 2019।जनपद के औद्योगिक प्रतिष्ठानों और परियोजनाओं में श्रम कानूनों के उल्लंघन पर रोक लगाने के लिए आज जनपद की श्रम बंधु समिति के सदस्य और यूपी वर्कर्स फ्रंट के प्रदेष अध्यक्ष दिनकर कपूर ने डीएम को पत्रक भेजा है। जिसकी प्रतिलिपि अपर श्रमायुक्त, पिपरी को भी आवष्यक कार्यवाही हेतु भेजी गयी है। पत्रक में निर्माणाधीन ओबरा ‘सी‘ परियोजना में मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी न देने, महीनों तक मजदूरी बकाया रखने, उनके ईपीएफ की लूट करने व आए दिन काम से छटंनी करने, अनपरा तापीय परियोजना में छः माह से ठेका मजदूरों की मजदूरी का भुगतान न होने, समझौते के बाद भी रेनूसागर के निर्दोष श्रमिकों को काम पर वापस न लेने, श्रमिकों की समस्याएं उठाने पर श्रमिक नेता ओम प्रकाष सिंह को हिण्डालको प्रबंधन द्वारा बर्खास्त करने, खनन श्रमिकों की जीवन सुरक्षा के लिए उन्हें उ0 प्र0 निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकृत करने, जनपद के श्रमिकों को ईएसआई का लाभ दिलाने व ठेका मजदूरों के नियमितीकरण व उन्हें ग्रेच्युटी भगुतान करने सम्बंधी समस्याओं को लाते हुए इनके समाधान हेतु कार्यवाही करने का निवेदन किया गया है। पत्रक में कहा गया है कि जनपद में श्रमिक समस्याओं के लोकतांत्रिक समाधान न होने से श्रमिक असंतोष बढ़ रहा है और कभी भी औद्योगिक अषांति हो सकती है।
पत्रक में कहा गया कि हर माह की सात तारीख को ठेका मजदूरों के वेतन भुगतान के नियम के बावजूद अनपरा तापीय परियोजना में कार्यरत ठेका मजदूरों को पिछले छः माह से वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। यहीं हालत निर्माणाधीन ओबरा ‘सी‘ की भी है यहां भी मजदूरों का महीनों का वेतन बकाया है। काम कराकर मजदूरों के वेतन का बकाया रखना बंधुआ मजदूरी है जिस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए और बकाए वेतन का भुगतान कराने के लिए कार्यवाही करनी चाहिए। पत्रक में हिण्ड़ालकों के रेनुसागर पावर डीवीजन के श्रमिकों की समस्याओं को लाते हुए कहा गया कि पिछले वर्ष नवम्बर माह में हुई घटना के बाद सैकड़ों मजदूरों को काम से निकाल दिया गया था। इसके बाद 20 दिसम्बर को तत्कालीन डीएम की मौजूदगी में हुई बैठक में जिन मजदूरों पर कोई मुकदमा नहीं है उन्हें काम पर वापस लेने पर सहमति बनी थी पर आज तक यह मजदूर काम पर नहीं रखे गए। पत्रक में कहा गया कि जनपद में हजारों की संख्या में खनन व क्रेषर में श्रमिक काम करते है। आए दिन यह श्रमिक दुर्धटनाओं में घायल होते है और अकाल मृत्यु का षिकार होते है। यह सारे श्रमिक उ0 प्र0 भवन व अन्य सनिर्माण श्रमिक कर्मकार कल्याण बोर्ड के दायरे में आते है। यदि इनका पंजीकरण इस बोर्ड के तहत हो जाए तो इनकी जीवन सुरक्षा का इंतजाम हो जायेगा और इस बोर्ड से प्राप्त होने वाली विभिन्न हितकारी योजनाओं का लाभ भी इन्हें प्राप्त हो सकेगा। भारत सरकार द्वारा सोनभद्र जनपद के श्रमिकों को ईएसआई का लाभ देने के आदेष के बावजूद कहीं भी इसका अनुपालन नहीं किया जा रहा। यहां तक कि न तो मजदूरों का पंजीकरण कराया गया है और न ही ईएसआई के चिकित्सा केन्द्र खोले गए है। पूरी जिदंगी एक ही स्थान पर काम करने के बावजूद ठेका मजदूरों का नियमितीकरण नहीं होता यहां तक कि उन्हें ग्रेच्युटी भी नहीं मिलती। इन सवालों को डीएम के संज्ञान में लाते हुए इनके समाधान की अपेक्षा पत्रक में की गयी है।
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