जीवन मंत्र।पत्रिका में काल सर्प योग कई बार जीवन में सफलता में बाधा बनता है।इसे दोष मानकर परेशान न हों. कई ऐसे व्यक्ति हैं जिनकी कुण्डली में काल सर्प योग होने पर भी वे सफलतम रहे हैं. इसलिए यदि कुण्डली में काल सर्प योग है तो शांति के लिए करें-
यदि जन्म पत्रिका में काल सर्प योग है और उसके कारण नुकसान हो रहा है तो ससमय शांति पूजा करें.।
*काल सर्प योग के कारण बाधा-परेशानियां हैं तो नाग पंचमी के दिन नाग प्रतिमा स्थापित कर कच्चा दूध अर्पित करते हुए पूजा करें.
*सम्भव हो तो सपेरे द्वारा पकड़े गए सर्प को बंधन मुक्त करवाएं.।
*प्रतिदिन सर्प-सुक्त का पाठ करें.
*भगवान शिव का अभिषेक करें और चाँदी के नाग-नागिन का जोड़ा बहते पानी में प्रवाहित करें.
*घर में मोर-मुकुट धारण किए श्रीकृष्ण की मूर्ति-चित्र रखें और यथाशक्ति ‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय जाप करते हुए पूजा करें.
*राहु और राहु की दशा से प्रभावित व्यक्ति प्रतिदिन सरस्वती मंत्र पूजा करें.
*देवी सरस्वती की पूजा से भ्रम की स्थिति से मुक्ति मिलती है. राहु से संबंधित परेशानी में देवी सरस्वती की पूजा-आराधना करके लाभ प्राप्त किया जा सकता है.
-सरस्वती वंदना-
या कुन्देदुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता.
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना..
या ब्रह्माच्चुत शंकरप्रभृतिभिदैवे: सदा वंदिता
सा माम् पातु सरस्वती भगवती नि:शेषजाड्यापहा..
*नागपाश मुक्तिदाता श्री हनुमान की पूजा और सुन्दरकांड का पाठ भी लाभदायक है.
अतुलित बलधामं हेमशैलाभदेह दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम.
सकलगुण निधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रिय भक्तं वातजातं नमामि..
*राहु छाया ग्रह है जो व्यक्ति को मतिभ्रम की स्थिति में ले आता है, जैसे छाया का स्थाई अस्तित्व होता नहीं है, पर नजर आती है वैसे ही राहु का कुप्रभाव स्थाई होता नहीं है पर महसूस होता है!
*राहु की दशा-अंतरदशा में यह विचलित कर देता है तथा व्यक्ति अज्ञात भय से ग्रस्त रहता है. व्यक्ति को सही दिशा में कार्य नहीं करने दे।
– आज का राशिफल –
निम्न राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम 22:29 तक:
वृषभ, मिथुन, कन्या,
तुला, मकर, मीन
*सिंह राशि में जन्में लोगो के लिए अष्टम चन्द्र
उसके पश्चात –
निम्न राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम अगले दिन सूर्योदय तक:
मेष, मिथुन, कर्क,
तुला, वृश्चिक, कुम्भ
*कन्या राशि में जन्में लोगो के लिए अष्टम चन्द्र
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.।
– मंगलवार का चौघडिय़ा –
दिन का चौघडिय़ा रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- रोग पहला- काल
दूसरा- उद्वेग दूसरा- लाभ
तीसरा- चर तीसरा- उद्वेग
चौथा- लाभ चौथा- शुभ
पांचवां- अमृत पांचवां- अमृत
छठा- काल छठा- चर
सातवां- शुभ सातवां- रोग
आठवां- रोग आठवां- काल
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा– अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा– अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसारइनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है औरजीवन का अंत है!
पंचांग
मंगलवार, 20 अगस्त 2019
नाग पञ्चम *गुजरात
शक सम्वत 1941 विकारी
विक्रम सम्वत 2076
काली सम्वत 5121
दिन काल 13:03:28
मास भाद्रपद
तिथि पंचमी – 29:32:38 तक
नक्षत्र रेवती – 22:28:52 तक
करण कौलव – 16:34:55 तक, तैतिल – 29:32:38 तक
पक्ष कृष्ण
योग शूल – 16:26:27 तक
सूर्योदय 05:52:40
सूर्यास्त 18:56:09
चन्द्र राशि मीन – 22:28:52 तक
चन्द्रोदय 21:52:00
चन्द्रास्त 09:45:00
ऋतु वर्षा
दिशा शूल: उत्तर में
राहु काल वास: पश्चिम में
नक्षत्र शूल: कोई नहीं
चन्द्र वास: उत्तर में 22:29 तक,पूर्व में 22:29 से