देर शाम बटुकों को निकाले जाने की निंदा हो रही है

शक्तिनगर सोनभद्र।उर्जान्चल के धरती पर कभी आपने सोचा भी नही होगा कि मनोकामना सिद्ध हनुमान मंदिर” परिसर खड़िया को श्रावण मासकी शुक्लपक्ष एकादशी तिथिको देर शाम रह रहे बटुकों का आवास खालीकर दिया।खड़िया हनुमान मंदिर में संचालित वैदिक गुरुकुलं को खड़िया के ही कुछ पूंजीपति व रसूख वाले लोगों के द्वारा बन्द कराया गया है।इन लोगों के दबाव के चलते स्वामी जी ने गुरुकुल को बंद करने का निर्णय लिया है।इनलोगों के द्वारा 1 वर्ष का समय दिया गया है, गुरुकुल को मंदिर से हटाने के लिए।वाह रे रसूखदारो आपने तो हिन्दू परम्परा की रेड मार दी।नहीं चाहिए हमें हिन्दू धर्म संस्कृति एवं कर्मकांडी ब्राह्मण, बंद करिए निकालिए इन बटुकों को इस मंदिर परिसर से वरना आप गद्दी से हटिए और भयभीत बटुकों ने अंततः 24घंटे के चेतावनी समय के अंदर रोते सिसकते उस “मनोकामना सिद्ध हनुमान मंदिर” परिसर को श्रावण मासकी शुक्लपक्ष एकादशी तिथिको देर शाम खालीकर दिया जिसमें दो वर्ष पूर्व खड़िया बाजार सहित ऊर्जांचल के सैकड़ों धर्मावलंबियों के बीच मंदिरके महंत स्वामी सत्यदेव दास महराज ने वैदिक धर्म संस्कृति प्रमोशन फाऊंडेशन के बैनरतले निःशुल्क वैदिक गुरूकुलम् संचालन करनेकी घोषणा के साथ बटुकों का पिछले साल से प्रवेश लिया था परंतु कितने घिनौने हैं वो चेहरे जिन्हें हमारी सनातन परम्परा से इतनी चिढ़ है।कौन हैं समाज के वो चेहरे जिन्हें इस गुरूकुलम् में बटुकों से मिलने जाने वाले सांसद, विधायक, महानसंतों से भय था कि चालूसत्र में ऐसी हैवानियत सोच को अंजाम देनेका दुस्कृत्य किया? फिलहाल इन बटुकों एवं आचार्य गणों को शुद्ध वातावरण एवं स्थाई व्यवस्था होने तक शक्तिपीठ माँ ज्वालामुखी मंदिर परिसर के धर्मशाला में पं• श्लोकी प्रसाद एवं पुजारी परिवार से साग्रह निवेदन पर शिफ्ट किया गया है ।यह खबर वायरल हो रही है सच्चाई क्या है यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा।

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