उम्भा गोलीकाण्ड में मारे गए लोगो के परिजनों को 50-50 लाख मुआबजे की मांग,सीपीआई

सोनभद्र। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओ ने सोनभद्र में आज कलेक्ट्रेट पहुच कर 17 जुलाई को घोरावल के उम्भा गांव में गोंड़ जनजाति के 10 लोगो की हत्या के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। इस धरना प्रदर्शन के माध्यम से सीपीआई ने राज्यपाल और जिला प्रशासन का ध्यान आदिवासियो की समस्याओं पर आकृष्ट कराया है।

सीपीआई के कार्यवाहक सचिव आरके शर्मा ने कहा कि उम्भा गांव के नर संहार की घटना और प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया गया और राज्यपाल को सम्बोधित 9 सूत्रीय मांग पत्र का ज्ञापन दिया गया। इस मांग पत्र में उम्भा नर संहार की उच्चस्तरीय जांच कराई जाने और मृतकों के परिजनों को 50 – 50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग किया गया है। वही सीपीआई कार्यकर्ताओ का ज्ञापन लेने। के बाद सदर एसडीएम ने बताया कि सीपीआई के लोगो ने उम्भा में हुई घटना को लेकर ज्ञापन दिया है जो राज्यपाल को सम्बोधित है जिसमे 9 मांग रखी गयी है।

सोनभद्र में आज जिलाधिकारी कार्यालय पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया। सीपीआई कार्यकर्ताओ को कलेक्ट्रेट परिसर के अंदर धरना देने से पुलिस ने मुख्य गेट पर ही रोक दिया जिससे सीपीआई कार्यकर्ताओ और पुलिस के लोगो के बीच मे थोड़ी नोकझोक भी हुई। जिसके बाद सीपीआई कार्यकर्ताओ ने जिलाधिकारी कार्यालय के गेट के बाहर ही धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओ ने मांग किया कि उम्भा नर संहार के पीडितो को 50 – 50 लाख रुपये मुआवजा , योग्यता के आधार पर एक व्यक्ति को नौकरी , जिस जमीन पर नर संहार हुआ है उस जमीन को वहाँ के आदिवासियों के नाम राजस्व में दर्ज किया जाय। सोनभद्र , मिर्जापुर , चन्दौली जिले के आदिवासियों को बसी हुई जमीन का भौतिक सत्यापन कराके उनका नाम दर्ज राजस्व अभिलेख में दर्ज किया जाय। प्रदेश की बिजली बढ़ी बिजली दरों को कम किया जाय और पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों तथा कर्मचारियों की भूमिका की जांच कराने के बाद उनको नौकरी से बर्खास्त किया जाय।

इस धरना प्रदर्शन मे शामिल पूर्व नक्सली चौधरी गौड़ ने बताया कि वह वन विभाग की जमीन कब्जा किया था और जोत कोड करके वही परिवार के साथ रहता था लेकिन गांव के लोगो ने उसकी कब्जे की जमीन हड़पने के लिए उसे नक्सली घोषित कर उसकी जमीन को हड़प लिया।

सीपीआई के कार्यवाहक सचिव आरके शर्मा ने कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के लोग पूरे प्रदेश में सोनभद्र के उम्भा में 17 जुलाई को हुए नर संहार को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे है। यहां जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन करने से रोका जा रहा है । उम्भा ने संहार सदी का सबसे बड़ा नर संहार है । इसके साथ ही इस नर संहार की न्याययिक जांच करायी जाय साथ ही मुआवजा राशि को बढ़ा कर 50 लाख किया जाय। पिछले वर्ष लखनऊ में एक मोबाइल कम्पनी के सेल्समैन की मौत पर योगी सरकार ने 1 करोड़ रुपये और मृतक परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिया। 17 जुलाई को ही सम्भल में अपराधियों की गोली से मृत होने वाले दो पुलिस वालों को 50 – 50 लाख रुपये मुआवजा दिया गया। यहां आदिवासियों को पूरे विपक्ष के हल्ला करने पर योगी सरकार ने 5 लाख से बढ़ा कर 18 – 18 लाख रुपये किया है जिसे बढ़ा कर 50 – 50 लाख रुपये किया जाय। वही धरना प्रदर्शन कर रहे सीपीआई कार्यकर्ताओ का ज्ञापन लेने आये सदर एसडीएम ने कहा कि उम्भा गांव में पिछले दिनों हुई घटना को लेकर राज्यपाल को सम्बोधित 9 सूत्रीय मांग का ज्ञापन सौपा गया है जिसे नियमानुसार कार्रवाई के लिए भेज दिया जाएगा।

Translate »