
इस्लामाबाद ।
पाकिस्तानी पत्रकार देश की ताकतवर सुरक्षा सेवाओं द्वारा बड़े पैमाने पर ‘सेंसरशिप, बजट में कटौती से बड़े पैमाने पर छंटनी और अपने वेतन के भुगतान में महीनों की देरी के विरोध को लेकर देशव्यापी प्रदर्शन कर रहे हैं।
पाकिस्तान फेडरल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स की अगुआई में निकाली गई रैलियों के बाद मंगलवार को ‘विरोध प्रदर्शन’ का दिन बताया जा रहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि देश के इतिहास में सबसे कठिन दौर का सामना करने वाले पत्रकारों ने ”अभूतपूर्व सेंसरशिप” से लड़ने का फैसला किया है। यूनियन के अध्यक्ष अफजल बट ने कहा कि ये प्रदर्शन केवल ”एक विरोध आंदोलन की शुरुआत हैं।”
★पाकिस्तान के विदेश मंत्री को लंदन में पत्रकार ने घेरा, मीडिया की आजादी पर उठाए सवाल
इससे पहले पाकिस्तान में मीडिया पर बढ़ती सेंसरशिप की रिपोर्टों के बीच पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को लंदन के संवाददाता सम्मेलन में एक कनाडाई पत्रकार ने बीच में रोक दिया। पत्रकार ने आरोप लगाया कि सरकार की शिकायतों के बाद उसका सोशल मीडिया अकाउंट निलंबित कर दिया गया।
कुरैशी बृहस्पतिवार (11 जुलाई) को लंदन में ‘मीडिया की आजादी की रक्षा करो’ पर एक संवाददाता सम्मेलन कर रहे थे, उसी समय यह घटना हुई। इससे कुछ दिन पहले पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण ने जेल में बंद पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साक्षात्कार का प्रसारण करने के लिए तीन निजी टीवी चैनलों का ट्रांसमिशन रद्द कर दिया।
यह कदम तब उठाया गया जब पाकिस्तान सरकार ने जेल में बंद नेताओं जैसे कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और जरदारी को प्रेस में दी जा रही कवरेज को रोकने का फैसला किया है। ‘डॉन’ अखबार की खबर के अनुसार, कनाडा की घोर दक्षिणपंथी राजनीतिक वेबसाइट रेबेल मीडिया के पत्रकार इजरा लेवेंट ने मंत्री को बीच में रोका और आरोप लगाया कि पाकिस्तानी सरकार की शिकायतों के कारण उनका टि्वटर अकाउंट निलंबित कर दिया गया।
SNC Urjanchal News Hindi News & Information Portal