सोनभद्र, । माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के अनुरूप राष्ट्रपति अधिसूचना में प्रदेश की अनुसूचित जाति की श्रेणी
में अंकित ‘धंगड‘ जाति को उत्तर प्रदेश की वेबसाईट पर अनुसूचित जाति की सूची में अंकित करने का निर्देश निदेशक, राष्ट्रीय सूचना
विज्ञान केन्द्र (एनआईसी), उ0 प्र0 को देने का निवेदन आज स्वराज इंडिया की राज्य कार्यसमिति सदस्य दिनकर कपूर ने मुख्यमंत्री को
पत्रक भेजकर किया है।
पत्रक में अवगत कराया गया है कि ‘धगंड़‘ जाति को अनुसूचित जाति का जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए 27 जून को
आदिवासी वनवासी महासभा व धांगर महासभा का प्रतिनिधिमण्ड़ल जिलाधिकारी सोनभद्र से मिला था। प्रतिनिधिमण्ड़ल को जिलाधिकारी ने
आश्वस्त किया था कि अब जनपद में ‘धगड़‘ जाति के नाम से जाति प्रमाण पत्र जारी किए जायेंगें। लेकिन यह ज्ञात हुआ है कि राष्ट्रीय
सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) की वेबसाइट पर जाति के रूप में ‘धंगड़‘ की जगह ‘धनगर‘ दर्ज है और आन लाइन जाति प्रमाण
पत्र जारी करने की व्यवस्था के कारण ‘धंगड़‘ न होने से उनका जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं हो पा रहा है।
पत्रक में सीएम को अवगत कराया गया कि सोनभद्र जनपद में ही मुख्यतः रहने वाली ‘धंगड‘़ जाति को पूर्व में अनुसूचित
जाति का जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाता था। लेकिन इधर जिला प्रशासन ने इस पर रोक लगायी हुई है। इस संदर्भ में माननीय उच्च
न्यायालय में दाखिल जनहित याचिका संख्या 400/2019 में न्यायालय द्वारा 19 अप्रैल को दिए आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि
राष्ट्रपति अधिसूचना में दर्ज अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की जातियों को ही उत्तर प्रदेश में आरक्षण लाभ
दिया जाए।
भारत सरकार के राजपत्र में प्रकाशित अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) अधिनियम 1976, जो
राष्ट्रपति अधिसूचना है, के उत्तर प्रदेश राज्य की अनुसूचित जाति की सूची में क्रमांक 27 पर हिन्दी में ‘धंगड’ जाति अनुसूचित जाति
के रूप में दर्ज है। जो राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) की उत्तर प्रदेश की वेबसाईट पर अंकित नहीं है। ऐसी स्थिति में धंगड़
को एनआईसी की वेबसाईट पर दर्ज करने का निवेदन किया गया ताकि ‘धंगड़’ जाति को अनुसूचित जाति का जाति प्रमाण पत्र जारी हो
सके।