चंद्र ग्रहण के समय मंदिर के पट क्यों बंद कर दिए जाते हैं?

धर्म डेस्क मंगलवार, 16 जुलाई की रात में चंद्र ग्रहण हो रहा है। ये साल 2019 का अंतिम चंद्र ग्रहण है। भारत के साथ ही ये ग्रहण आस्ट्रेलिया, अफ्रीका, एशिया, यूरोप और दक्षिण अमेरिका में दिखाई देगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार मंगलवार, 16 जुलाई 2019 की रात करीब 1.31 बजे से ग्रहण शुरू हो जाएगा। इसका मोक्ष 17 जुलाई की सुबह करीब 4.30 बजे होगा। चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है। चंद्र ग्रहण का सूतक काल दोपहर 4.30 बजे से शुरू हो जाएगा, जो कि 17 जुलाई की सुबह 4.30 बजे तक रहेगा।

सूतक से पहले करें पूजा-पाठ

16 जुलाई को आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि है और गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। इस पर्व पर सभी अपने गुरु की पूजा करते हैं, बड़ी संख्या में भक्त अपने इष्टदेव के मंदिरों में दर्शन के लिए पहुंचते हैं। ग्रहण का सूतक दोपहर 4.30 से शुरू हो जाएगा। इससे पहले ही पूजा-पाठ संबंधी शुभ काम करना होंगे। ग्रहण के समय में पूजा-पाठ वर्जित रहते हैं। इस दौरान सिर्फ मंत्रों का जाप करना चाहिए। मंत्र जाप भी मानसिक रूप से करना चाहिए।

चंद्र ग्रहण के समय मंदिर के पट क्यों बंद कर दिए जाते हैं?

ग्रहण के समय सभी मंदिरों के पट बंद रहते हैं। ग्रहण समाप्ति के बाद मंदिर की साफ-सफाई की जाती है, इसके बाद ही आम भक्तों के लिए मंदिर खोले जाते हैं। ये परंपरा पुराने समय से चली आ रही है। ग्रहण और सूतक के समय चंद्र से निकलने वाली नकारात्मक तरंगों के संपर्क में आने वाली सभी चीजें अपवित्र हो जाती हैं। मंदिर में रखी पूजन सामग्री, मंदिर परिसर भी अशुद्ध हो जाती है। ग्रहण के बाद मंदिर की शुद्धि की जाती है, भगवान की प्रतिमा को स्नान कराया जाता है, इसके बाद ही आम भक्तों के लिए मंदिर को खोला जाता है।
इस संबंध में एक अन्य मान्यता ये है कि ग्रहण काल में वातावरण में नकारात्मक शक्तियां सक्रिय रहती हैं। कमजोर हृदय वाले लोगों पर नकारात्मकता जल्दी हावी होती है। इनसे बचने के लिए पुराने समय में लोग इस दौरान घर से बाहर भी नहीं निकलते थे। जो भक्त नियमित रूप से रोज मंदिर जाते हैं, उन लोगों को ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए मंदिर के पट बंद कर दिए जाते हैं। मंदिर बंद होने से नियमित दर्शनार्थी अपने घर पर रहे, ताकि उन पर ग्रहण का बुरा असर न हो। इसी सोच के साथ मंदिर के पट बंद कर दिए जाते हैं।सोर्स दैनिक भाष्कर ।

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