★ केंद्र सरकार के तहत काम करने वाले कर्मचारियों को हर महीने मूल्यांकन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ सकता है
★ मंत्रालयों से हर महीने ऐसे कर्मचारियों की लिस्ट मांगी जाएगी, जिन्हें समय से पहले रिटायर किया जा सकता है
★ हाल के दिनों में मोदी सरकार ने भ्रष्ट और नाकाम कर्मचारियों के सफाये का काम शुरू किया गया है
नई दिल्ली ।
केंद्र सरकार के तहत काम करने वाले कर्मचारियों को हर महीने मूल्यांकन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ सकता है। सरकार अब सभी मंत्रालयों और विभागों से हर महीने ऐसे कर्मचारियों की लिस्ट मांगेगी जिन्हें समय से पहले रिटायर किया जा सकता है। सरकारी दफ्तरों में कामकाज का माहौल सुधारने और लोगों से जुड़े सरकारी काम का समय से निपटारा हो, इसके लिए सरकार ने कर्मचारियों की जिम्मेदारी सख्ती से लागू करने की बड़ी पहल की है।
हाल में मोदी सरकार ने भ्रष्ट और नाकाम कर्मचारियों के सफाये का काम शुरू किया है। इसके तहत जांच एजेंसियों के टॉप अधिकारियों को जबरन रिटायर किया गया था। लेकिन, सरकार की यह पहल न सिर्फ केंद्रीय दफ्तरों में, बल्कि पब्लिक सेक्टर की इकाइयों और बैंकों के कर्मचारियों पर भी लागू होगी। कार्मिक विभाग ने 20 जून को सभी मंत्रालयों और विभागों को लिखे पत्र में कहा है कि काम करने के मानक के अनुरूप खरा नहीं उतरने वाले ऐसे कर्मचारियों की लिस्ट हर महीने की 15 तारीख तक जमा कर दें, जिन्हें जनता के हित में समय से पहले रिटायर किया जा सकता है। यह व्यवस्था इसी महीने से लागू की जाएगी यानी 15 जुलाई को सभी मंत्रालयों और विभागों में ऐसे कर्मचारियों की पहली लिस्ट आ जाएगी। हालांकि पत्र में इस बात को लेकर चेताया भी गया है कि इस लिस्ट को बहुत ही पारदर्शी तरीके और पुख्ता आधार के साथ तैयार किया जाए। इसमें किसी प्रकार का पूर्वाग्रह नहीं होना चाहिए।
★ ‘पहले से ही बना है कानून’
सरकार का कहना है कि कर्मचारियों के सर्विस रूल में ऐसे प्रावधान पहले से रहे हैं, लेकिन आम लोगों के हित में इसे अब प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकेगा। सातवें वेतन आयोग में भी कर्मचारियों की काम करने की क्षमता और जवाबदेही बढ़ाने के कई प्रस्ताव दिए थे। उनमें से यह एक था। इसके अलावा सरकार ने दागी कर्मचारियों की अलग से लिस्ट बनाने को कहा है, जिनपर भ्रष्टाचार से जुड़े केस चल रहे हैं। सूत्रों के अनुसार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार ने रिटायर अधिकारियों की मदद लेने का फैसला किया है। ऐसे पूर्व अधिकारियों की सेवा ली जाएगी जिनका रेकॉर्ड शानदार, ईमानदारी और मजबूत इच्छाशक्ति वाला रहा है। सरकार का मानना है कि इससे जांच प्रक्रिया जल्द पूरी होगी।
★ लैटरल एंट्री से होगी कर्मचारियों की भरपाई
मंत्रालयों और विभागों में अब कॉन्ट्रैक्ट पर रखने की शर्त में भी ढील दी गई है। डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनेल ऐंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) ने नया गाइडलाइंस जारी करते हुए सभी मंत्रालयों और विभागों को तत्काल योग्य रिटायर कर्मियों की तलाश करने को कहा है, जिन पदों पर नियुक्ति जरूरी है। केंद्र सरकार में अंडर सेक्रेटरी और सेक्शन ऑफिसर से रिटायर अधिकारी इन पदों पर रखे जाएंगे और इनकी नियुक्ति कंसलटेंट पद पर होगी। सरकार की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 7 लाख से अधिक पद खाली पड़े हैं। इस कारण तमाम मंत्रालयों में काम पर भी असर पड़ रहा है। इसके लिए लैटरल एंट्री के बने नियमों में बदलाव कर लगभग पांच से सात हजार पदों को इसके दायरे में लाया गया है।