बड़ों के भी सिर चढ़कर बोल रहा है ‘आरोहण’ का जादू

देश के शायद सबसे बड़े बाल समर कैंप का आंखों देखा हाल…

सिगरौली।हर तरफ जोश और जुनून। बच्चों की चहलकदमी। बाल महोत्सव का एहसास। माहौल ऐसा कि बड़े भी बच्चों के रंग में रंगना चाहें। इन दिनों आप सुबह-सुबह एनसीएल की किसी भी परियोजना या इकाई के खेल मैदान या ऑडिटोरियम पहुंचेंगे, तो आपकी नजरें बरबस रुक जाएंगी। एनसीएल ने बाल समर कैंप ‘आरोहण 2019’ में बच्चों की गर्मी की छुट्टियों को इस कदर रोमांचक बना दिया है, जिसे देखने भर के लिए भारी भीड़ उमड़ रही है। कोई देखे तो देखता रह जाए। रुके तो रुका ही रह जाए। बच्चे तो दूर, उनके अभिभावक और स्थानीय लोग भी कैंप से लौटने को तैयार नहीं हो रहे हैं। रोजाना कैंप खत्म होते ही अगले दिन का इंतजार शुरू हो जाता है। 19 वर्ष तक की उम्र के 2000 से अधिक बच्चों की भागीदारी के साथ शायद यह देश का सबसे बड़ा बाल समर कैंप है।

प्रतिभागी बच्चों और उनके अभिभावकों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं। बच्चे अपने पसंदीदा खेलों का लुत्फ उठा रहे हैं। कोई डांस एवं संगीत सीख रहा है, तो कोई पेंटिंग के जरिये कैनवास पर अपनी भावनाओं को उकेरने का हुनर हासिल कर रहा है। कोई स्केटिंग के गुर सीखने में अपने हाथ आजमा रहा है। तो कोई फोटोग्राफी एवं पत्रकारिता की तालीम हासिल कर रहा है।

प्रशिक्षु नौनिहालों के जज्बे को देखते हुए एनसीएल प्रबंधन ने भी बेहतरीन कोच एवं शिक्षकों की व्यवस्था कर रखी है। बच्चों के सुबह के नाश्ते का भी इंतजाम है। उन्हें किसी भी तरह की परेशानी न हो इसके लिए प्रबंधन लगातार सजग एवं सतर्क है। कैंप में प्रशिक्षण एवं बच्चों को दी जा रही सुविधाओं पर कंपनी के आला अधिकारियों की लगातार नजर बनी हुई है। कोशिश है कैंप के जरिये होनहारों की प्रतिभाएं निखरकर सामने आएं।

बुधवार सुबह कंपनी के महाप्रबंधक (कार्मिक/कार्मिक प्रमुख) श्री चार्ल्स जुस्टर और जेसीसी सदस्य श्री अशोक दूबे ने निगाही, जयंत, सीडब्ल्यूएस एवं नेहरू शताब्दी चिकित्सालय (एनएससी) में चल रहे कैंपों का औचक निरीक्षण किया। कंपनी के सीएमडी श्री पी.के. सिन्हा स्वयं भी हाल ही में मुख्यालय कैंप का निरीक्षण करने पहुंचे थे। हाल ही में सिंगरौली कलेक्टर श्री के.वी.एस. चौधरी ने भी निगाही में चल रहे कैंप का भ्रमण किया था और बच्चों का उत्साह बढ़ाया था। आगामी 15 जून तक बच्चों पर ‘आरोहण 2019’ का जादू सिर चढ़कर बोलेगा।

आप भी अपने नजदीकी आरोहण प्रशिक्षण स्थल पर पहुंचिए और बच्चों के उमंग के साथ खुद भी खुशी के समंदर में गोते लगाइए। यकीन मानिए आपको बहुत अच्छा लगेगा।

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